

अगरतला : त्रिपुरा में जनजातीय कल्याण विभाग सभी सरकारी जनजातीय छात्रावासों में छात्रों की उपस्थिति की निगरानी के लिए बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली लागू करेगा। हाल में जनजातीय कल्याण मंत्री बिकाश देबबर्मा की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में यह निर्णय लिया गया। जनजातीय कल्याण विभाग के तहत 164 छात्रावास और त्रिपुरा जनजातीय स्वायत्त जिला परिषद (टीटीएएडीसी) के तहत 43 छात्रावास का संचालन किया जाता है।
इन छात्रावासों के संचालन के लिए राज्य सरकार सालाना 80 करोड़ रुपये खर्च करती है। जनजातीय कल्याण विभाग के निदेशक सुभाशीष दास ने कहा कि पहले चरण में विभाग के प्रत्यक्ष नियंत्रण वाले छात्रावासों में बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली लागू की जाएगी। छात्रावास में रहने वालों को सुबह और शाम दो बार अपनी उपस्थिति दर्ज करनी होगी। दूसरे चरण में यह प्रणाली टीटीएएडीसी और स्वयंसेवी संगठनों द्वारा संचालित छात्रावासों में लागू की जाएगी। इसके लिए एक सॉफ्टवेयर विकसित किया जा रहा है।
100 छात्रावासों में पहले चरण में ‘स्मार्ट क्लास’ की सुविधा : 164 में से 100 छात्रावासों में पहले चरण में ‘स्मार्ट क्लास’ की सुविधा दी जाएगी। इसके अलावा सभी छात्रावासों में ‘5जी’ इंटरनेट सुविधा से युक्त डिजिटल लाइब्रेरी और सौर ऊर्जा आधारित बिजली की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कहा कि छात्रावासों में स्वच्छता और हरियाली बनाए रखने को बढ़ावा देने के लिए उपमंडल, जिला और राज्य स्तर पर ‘स्वच्छ और हरित पुरस्कार’ योजना लागू की जाएगी। दास ने बताया कि सभी छात्रावासों में प्रभावी प्रबंधन के लिए अधीक्षक नियुक्त करने का प्रस्ताव भी सरकार को भेजा गया है।