हाथ में थीं तीन सरकारी नौकरियां फिर भी छात्रा ने क्यों दे दी जान? | Sanmarg

हाथ में थीं तीन सरकारी नौकरियां फिर भी छात्रा ने क्यों दे दी जान?

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हनुमानगढ़ : हनुमानगढ़ में हॉस्टल में रहकर IAS की तैयारी कर रही एक छात्रा की आत्महत्या का मामला सामने आया है। पुलिस के अनुसार उन्हें सूचना मिली थी कि हनुमानगढ़ टाउन की चार नंबर गली में स्थित करनी हॉस्टल में एक छात्रा द्वारा फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली गई है। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे टाउन थाना प्रभारी वेदपाल के अनुसार उन्हें एक सुसाइड नोट भी मिला है। इसमें लिखा है कि मुझे माफ कर दीजिएगा और भी कुछ बातें लिखी है जिसके आधार पर पुलिस अब जांच में जुटी है।
सीआई वेदपाल ने बताया कि शिवकरण पुत्र बनवारीलाल मेघवाल भूनावाली ढाणी ने पुलिस को सूचना दी कि 26 अगस्त की दोपहर ढाई बजे उसकी बेटी के हॉस्टल की वार्डन ने बताया है कि उनकी बेटी प्रियंका की तबीयत खराब है। इस पर वे हॉस्टल पहुंचे, तो पुलिस ने प्रियंका की आत्महत्या की जानकारी दी। प्रियंका गली नंबर 4 नई आबादी में करणी गर्ल्स हॉस्टल में रहकर ऑनलाइन कोचिंग के जरिये प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रही थी।

परिजनों ने बताया कि प्रियंका शुरू से ही पढ़ाई में काफी होशियार थी। उसका तीन-तीन सरकारी नौकरियों में चयन भी हो गया था, लेकिन प्रियंका आईएएस बनना चाहती थी। हाल ही में प्रियंका का सीआईडी में चयन हुआ था जिसके लिए उसे तिरुवंतपुरम जाना था लेकिन उससे पहले ही प्रियंका ने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। पुलिस के अनुसार आत्महत्या के वास्तविक कारण क्या रहे हैं, ये अभी जांच का विषय है, लेकिन पुलिस सुसाइड नोट के आधार पर भी जांच कर रही है। जांच के बाद ही पता चलेगा कि प्रियंका ने सुसाइड किया या फिर मौत की और कोई वजह रही है। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवा कर परिजनों को सौंप दिया है।
लगातार आत्महत्या के मामले आ रहे सामने
टाऊन थाना सीओ वेदपाल ने कहा कि जिस तरह से राजस्थान के कोटा में लगातार आत्महत्या के मामले सामने आ रहे हैं। उसके बाद सुरक्षा की दृष्टि से स्प्रिंग वाले पंखे भी हॉस्टलों में, कोचिंग सेंटरों पर लगाने के आदेश दिए गए हैं। अब जिस तरह से हनुमानगढ़ में यह स्टूडेंट द्वारा आत्महत्या का मामला सामने आया है, यह काफी गंभीर है। ऐसी घटनाएं दोहराई न जाएं इसके लिए प्रशासन को भी इस पर गंभीर होना होगा। यहां रह रहे छात्रों में पढ़ाई का दबाव है या फिर मानसिक तनाव।आख‍िर क्या वजह है जिससे छात्र-छात्राएं मौत को गले लगा रहे हैं।

 

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