

वाशिंगटन : सांसद शशि थरूर ने उनके कांग्रेस छोड़ने की अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि जो कोई भी यह मानता है कि राष्ट्रीय हित में काम करना कोई पार्टी विरोधी गतिविधि है, उसे खुद से सवाल करने की जरूरत है। थरूर पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद आतंकवाद के खिलाफ दुनिया को भारत के रुख से अवगत कराने के लिए एक सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं और वह इस समय अमेरिका में हैं। कुछ कांग्रेस नेताओं ने पहलगाम हमले के बाद सरकार के रुख का समर्थन करने के लिए थरूर की आलोचना की है। थरूर को एक कांग्रेसी ने तो ‘भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) का महाप्रवक्ता’ तक कह दिया।
थरूर ने एक साक्षात्कार में कहा, ‘सच कहूं तो, जब कोई देश की सेवा कर रहा हो, तो मुझे नहीं लगता कि उसे इन चीजों के बारे में बहुत ज्यादा चिंता करने की जरूरत है।’ जब उनसे पूछा गया कि भारत लौटने पर वह अपने आलोचकों को क्या संदेश देंगे, तो उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि जो कोई भी यह समझता है कि राष्ट्रीय हित में काम करना किसी प्रकार की पार्टी विरोधी गतिविधि है, उसे हमसे नहीं, बल्कि खुद से सवाल करने की जरूरत है।’
कई बार कुछ मुद्दों पर थरूर की टिप्पणियां कांग्रेस पार्टी के आधिकारिक रुख से भिन्न रही हैं।थरूर कांग्रेस में बने रहेंगे या भाजपा में शामिल होंगे, पर थरूर ने कहा, ‘मैं संसद का निर्वाचित सदस्य हूं। मेरे कार्यकाल के चार साल बाकी हैं। मुझे नहीं पता कि इस पर कोई सवाल क्यों पूछा जा रहा है।’
राहुल की टिप्पणी को बताया दिया सामान्य बात
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आलोचना करते हुए हाल में कहा था कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का फोन आने के बाद उन्होंने ‘आत्मसमर्पण’ कर दिया है। थरूर ने इस बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में कहा, ‘लोकतंत्र में राजनीतिक दलों द्वारा विरोध करना, आलोचना करना और मांगें करना सामान्य बात है।’ उन्होंने कहा, ‘हम यहां किसी पार्टी के राजनीतिक मिशन पर नहीं आए हैं। हम यहां एकजुट भारत के प्रतिनिधि के तौर पर आए हैं।’ थरूर ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल में तीन धर्मों और सात राज्यों से पांच राजनीतिक दल शामिल थे।
थरूर के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों में सरफराज अहमद (झारखंड मुक्ति मोर्चा), जी. हरीश बालयोगी (तेलुगु देशम पार्टी), शशांक मणि त्रिपाठी (भारतीय जनता पार्टी), भुवनेश्वर कलिता (भारतीय जनता पार्टी), मिलिंद देवरा (शिवसेना), तेजस्वी सूर्या (भारतीय जनता पार्टी) और अमेरिका में भारत के पूर्व राजदूत तरनजीत संधू शामिल हैं। यह प्रतिनिधिमंडल 24 मई को भारत से न्यूयॉर्क पहुंचा था और फिर यह गुयाना, पनामा, कोलंबिया एवं ब्राजील की यात्रा करके वॉशिंगटन आया।
थरूर ने कहा कि वे किसी पार्टी के राजनीतिक मिशन पर नहीं हैं बल्कि एकजुट भारत के प्रतिनिधियों के तौर पर कई देशों का दौरा कर रहे हैं। उन्होंने एक पुराने साक्षात्कार का हवाला देते हुए कहा कि ‘हमारे राजनीतिक मतभेद सीमा पर खत्म हो जाते हैं। जब आप एक बार सीमा पार कर लेते हैं तो आप भारतीय हो जाते हैं और आपकी अन्य निष्ठाएं दोयम हो जाती हैं।’