मुस्लिम देश में आई ये भयंकर आपदा, क्या खत्म हो जाएगा Saudi Arabia का अस्तित्व?

क्या होगा भविष्य?
मुस्लिम देश में आई ये भयंकर आपदा, क्या खत्म हो जाएगा Saudi Arabia का अस्तित्व?
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नई दिल्ली -  वर्तमान में कई देशों को कम प्रजनन दर और घटती जनसंख्या की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है, और अब इस सूची में खाड़ी देश सऊदी अरब भी शामिल हो गया है। तेल भंडारों से समृद्ध यह देश दुनियाभर से आने वाले लोगों के लिए कमाई का प्रमुख केंद्र रहा है। आर्थिक रूप से मजबूत होने के बावजूद, सऊदी अरब अब गिरती जन्म दर (Birth Rate) की समस्या से जूझ रहा है।

सऊदी अरब के एक लेखक का मानना है कि देश तेजी से गिरती जन्म दर की समस्या का सामना कर रहा है, और यदि इसे गंभीरता से नहीं लिया गया तो भविष्य में इसका अस्तित्व संकट में पड़ सकता है। सऊदी अरब के अखबार 'अल वतन' में प्रकाशित लेखक मंसूर अल-दबन के लेख में उन्होंने संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए इस मुद्दे को उजागर किया।

रिपोर्ट के अनुसार, 2023 तक सऊदी अरब में जन्म दर 67 फीसदी थी, जो 1950 की तुलना में काफी कम है। 1950 में प्रति 1,000 लोगों पर जन्म दर 53.34 थी, जबकि 2023 में यह घटकर 15.7 फीसदी रह गई, जो उससे पिछले साल की तुलना में 2.88 प्रतिशत कम थी।

अरब देशों के लिए समस्या का समाधान निकलना जरूरी

अल-दबन ने संयुक्त अरब अमीरात की शारजाह यूनिवर्सिटी की एक रिसर्च का भी उल्लेख किया, जिसमें 2011 से 2021 के बीच अरब देशों में प्रजनन दर को लेकर अध्ययन किया गया था। उन्होंने अपने लेख में लिखा कि देर से बच्चे पैदा करने की प्रवृत्ति और शादी से बचने की मानसिकता के कारण अरब देशों में यह समस्या लगातार बढ़ रही है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि वर्ष 2100 से पहले इस चुनौती का समाधान निकालना बेहद जरूरी है।

महिलाओं में गिर रही फर्टिलिटी 

पिछले साल तक सऊदी अरब की कुल जनसंख्या 389,300 थी, जिसमें प्रवासियों की संख्या 1 मिलियन थी। सऊदी महिलाओं के लिए प्रजनन दर प्रति 1,000 महिलाओं पर 2.7 जन्म थी, जबकि गैर-सऊदी महिलाओं में यह दर मात्र 0.8 थी। वर्ष 2011 में सऊदी महिलाओं की प्रजनन दर 3.8 दर्ज की गई थी। लगातार घटती जन्म दर खाड़ी देशों के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बन गई है।

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