नई दिल्ली: चंद्रमा और सूरज के बारे में जानकारी जुटाने के लिए भारत ने अपना यान सफल तरीके से भेज दिया है। चंद्रयान-3 ने चांद पर मौजूद कई जानकारियां भेज दी है। जबकि सौर्य मिशन आदित्य-L1 की सफल लॉन्चिंग भी देश के लिए अच्छी ख़बर है। वहीं, अब समुद्र की गहराई जानने के लिए भारत तैयार है। इसके लिए कई तैयारियां की जा चुकी है।
2 साल की मेहनत के बाद हुआ तैयार
समुद्र के रहस्यों को जानने के लिए अब समुद्रयान मिशन भेजे जाने की तैयारी पर काम शुरु हो चुका है। इसके लिए पनडुब्बी को बंगाल की खाड़ी में उतारा जाएगा। मत्स्य 6000 नामक पनडुब्बी समंदर की गहराइयों में छिपे खनिज संसाधनों की जानकारी जुटाएगी। यह 6 हजार मीटर की गहराई तक जाकर जाएगी। इसकी शुरुआत 500 मीटर से होगी। करीब 2 साल की कड़ी मेहनत के बाद नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओसन टेक्नॉलजी के वैज्ञानिकों ने इसे तैयार किया है।
6 हजार मीटर की गहराई में होगी जांच
जानकारी के अनुसार 2026 तक इस पनडुब्बी को 6 हजार मीटर की गहराई तक ले जाया जाएगा।इस मिशन के तहत मानव समुद्रयान में भेजे जाएंगे। इसके तहत तीन लोग मत्स्य 6000 नाम के पनडुब्बी में सवार होंगे। साल 2024 में समुद्रयान को समंदर की गहराई में मौजूद चीजों का पता लगाने के लिए भेजा जा सकता है। इसका वजन करीब 25 टन बताया जा रहा है। लंबाई के हिसाब से यह 9 मीटर लंबा और 4 मीटर चौड़ा है। समुद्र की अंदर यह करीब 600 गुना दबाव झेल सकता है।
इन चीजों की होगी खोज
इसके निर्माण के लिए साल 2021 में भारत सरकार ने डीप ओशन को इसकी मंजूरी दी थी। बता दें कि समंदर में गैस हाइड्रेट्स, निकल, मैगनीज, कोबाल्ट, हाइड्रोथर्मल सल्फाइड के साथ साथ कीमोसिंथेटिक जैव और दूसरी वनस्पतियों की खोज होगी। अब तक अमेरिका, जापान, फ्रांस और रूस जैसे देशों ने इंसानों को समंदर में इतनी गहराई तक ले जा चुकी है।
Next is “Samudrayaan”
This is ‘MATSYA 6000’ submersible under construction at National Institute of Ocean Technology at Chennai. India’s first manned Deep Ocean Mission ‘Samudrayaan’ plans to send 3 humans in 6-km ocean depth in a submersible, to study the deep sea resources and… pic.twitter.com/aHuR56esi7— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) September 11, 2023