

बेंगलुरु/हैदराबाद : मिस कनाडा एम्मा मॉरिसन तेलंगाना में 72वीं मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता में अपने देश का प्रतिनिधित्व कर रही हैं और उनका कहना है कि अपने लोगों की आवाज बनना उनका कर्तव्य है। मॉरिसन कनाडा मूल की पहली मिस वर्ल्ड प्रतियोगी हैं। वह उत्तरी ओंटेरियो में केवल 1,500 की आबादी वाले चेपलू नामक छोटे से कस्बे में पली-बढ़ी हैं। मॉरिसन ने कहा कि मिस वर्ल्ड कनाडा के रूप में देश की मूल निवासी महिलाओं के लिए आवाज उठाना उनका कर्तव्य है।
मॉरिसन ने एक साक्षात्कार में कहा कि उन्हें सही से याद नहीं है कि उन्होंने अपने लोगों के कल्याण के लिए मिस वर्ल्ड जैसे मंच पर आने का इरादा कब किया था। उन्होंने कहा, ‘आप कह सकते हैं कि यह सब उस समय शुरू हुआ जब मैं एक छोटी बच्ची थी। कनाडा में, हमें मूल निवासियों के तौर पर, विशेष रूप से महिलाओं को बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।’
मॉरिसन ने कहा कि उनकी मां उनके लिए आदर्श थीं और उन्होंने अपनी दुखों को ताकत में बदल दिया, जिससे उन्हें (मॉरिसन को) और अधिक प्रेरणा मिली। उन्होंने कहा, ‘मैं अपनी ‘सौंदर्य के साथ उद्देश्य’ परियोजना के जरिये सशक्तीकरण को बढ़ावा देना चाहती थी और कुछ ऐसा करना चाहती थी जो मेरे दिल और स्वदेशी लोगों के करीब हो।’
27 घंटे से अधिक समय में भारत पहुंचने वालीं मॉरिसन ने कहा कि अब तक उनका अनुभव काफी अच्छा रहा है। अपने ‘इंस्टाग्राम’ पेज पर, उन्होंने कहा कि हनमकोंडा में 1,000 स्तंभों वाले रुद्रेश्वर स्वामी मंदिर और वारंगल किले की यात्राओं ने संस्कृति को अपनाने का महत्व समझाने में उनकी मदद की। मॉरिसन ने कहा कि वह मई के आखिरी सप्ताह में अपने परिवार के साथ भारत की यात्रा का बेसब्री से इंतजार कर रही हैं। मॉरिसन ने कहा, ‘उन्हें भारत बहुत पसंद आएगा और यह उनका देश का पहला दौरा होगा।’