पुंछ में आतंकी ठिकाने का भंडाफोड़, आईईडी बरामद

पांच संवर्धित विस्फोटक उपकरण (आईईडी) और दो वायरलेस सेट बरामद
पुंछ में आतंकी ठिकाने का भंडाफोड़, आईईडी बरामद
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जम्मू (जे के ब्यूरो) : सुरक्षा बलों ने जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले के एक वन क्षेत्र में एक आतंकवादी ठिकाने का भंडाफोड़ करते हुए वहां से पांच संवर्धित विस्फोटक उपकरण (आईईडी) और दो वायरलेस सेट बरामद किए। अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि इस्तेमाल के लिये तैयार पांचों आईईडी (जिनका वजन आधा किलो से 5 किलो के बीच था) को मौके पर ही नियंत्रित विस्फोट में नष्ट कर दिया गया। इससे सीमावर्ती जिले में विस्फोट करने की आतंकियों की साजिश विफल हो गयी।

उन्होंने बताया कि रविवार देर शाम सुरनकोट के मरहोटे इलाके के सुरंथल में सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान समूह द्वारा संयुक्त तलाशी अभियान के दौरान ठिकाने का भंडाफोड़ किया गया। अधिकारियों ने बताया कि दो आईईडी स्टील की बाल्टियों में रखे हुए पाए गए, जबकि तीन अन्य को टिफिन बॉक्स में पैक किया गया था। इसके अलावा, अधिकारियों ने बताया कि ठिकाने से 2 वायरलेस सेट,व अन्य सामान बरामद किए गए हैं।

‘दरबार मूव’: शीर्ष अधिकारी श्रीनगर लौटे

जम्मू-कश्मीर सरकार के शीर्ष अधिकारियों ने ‘दरबार मूव’ के तहत 6 महीने तक शीतकालीन राजधानी जम्मू में रहने के बाद सोमवार को श्रीनगर स्थित सिविल सचिवालय से कामकाज फिर शुरू कर दिया। मुख्यमंत्री कार्यालय ने उमर अब्दुल्ला के हवाले से ‘एक्स’ पर कहा, ‘सोमवार से मैंने 6 महीने बाद श्रीनगर स्थित सिविल सचिवालय में कामकाज फिर शुरू कर दिया। अब सारा ध्यान, कार्यों, जवाबदेही, सुशासन और विकास के माध्यम से प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचना है।

आइए इन छह महीनों का सदुपयोग करें।’ दोनों कार्यालय पूरे वर्ष खुले रहते हैं, लेकिन शीर्ष अधिकारी जैसे उपराज्यपाल, मंत्री और प्रशासनिक सचिव मई से नवंबर की शुरुआत तक ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में और शेष समय जम्मू में रहते हैं। इससे पहले, सरकार और सचिवालय के सभी कर्मी हर 6 महीने में श्रीनगर और जम्मू के बीच अपने ठिकाने बदलते थे, जिसे ‘दरबार मूव’ कहा जाता था। ये प्रक्रिया महाराजा रणबीर सिंह ने 1872 में शुरू की थी। अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर को 2 केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किये जाने के साथ ही इस प्रक्रिया को बंद कर दिया गया था।

पैदल चिनाब नदी नहीं पार करने का निर्देश

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सोमवार को लोगों को जम्मू के अखनूर सेक्टर में चिनाब नदी को पैदल पार नहीं करने की चेतावनी दी। यह चेतावनी ऐसे समय में जारी की गयी है, जब नदी में पानी का बहाव सबसे कम हो गया है और सैकड़ों ग्रामीण नदी में जमा हो गए हैं एवं उनमें से कुछ लोग सोने-चांदी के आभूषण और सिक्के खोजते नजर आए। अधिकारियों का कहना है कि जलस्तर में गिरावट का कारण रामबन और रियासी जिलों में बगलिहार एवं सलाल बांधों से नदी में जलप्रवाह पर रोक लगाया जाना है। केंद्र सरकार ने 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के मद्देनजर सिंधु जल संधि को निलंबित करने की घोषणा की थी। यह संधि 1960 से भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु और उसकी सहायक नदियों के पानी के उपयोग को नियंत्रित करती रही है।

पिछले सप्ताह गाद निकालने का अभियान चलाने के बाद, जलाशयों को फिर से भरने के लिए बगलिहार और सलाल बांधों के द्वार सोमवार को बंद कर दिए गए जिसके कारण चिनाब नदी के निचले हिस्से, विशेषकर अखनूर सेक्टर में जलस्तर में काफी गिरावट आई। जलप्रवाह कम होने पर कई स्थानों पर सैकड़ों लोग पैदल चिनाब नदी पार करते हुए वीडियो बनाने के लिए उमड़ पड़े। नदी में कई उत्सुक स्थानीय लोगों ने टखने तक गहरे पानी में सोने-चांदी के आभूषण और सिक्के भी तलाशने शुरू कर दिए। खतरे को भांपते हुए, अधिकारियों के नेतृत्व में पुलिस दल लोगों को निकालने के लिए आगे आए, क्योंकि दोपहर बाद जल स्तर फिर बढ़ने लगा।पुलिस कर्मियों को लाउडस्पीकर के माध्यम से लोगों को पैदल नदी पार न करने की चेतावनी देते हुए देखा गया।

एलओसी के पास पाक सैनिकों ने की गोलीबारी

पाकिस्तानी सैनिकों ने जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास सीमा से लगते आठ सेक्टर में बिना किसी उकसावे के गोलीबारी की और संघर्ष विराम समझौते का उल्लंघन किया। अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि भारतीय सैनिकों ने भी जवाबी कार्रवाई की। यह लगातार 11वीं रात थी, जब पाकिस्तान की ओर से बिना उकसावे के गोलीबारी की गयी। पहलगाम हमले में 26 लोगों की जान चली गयी थी जिसमें अधिकतर पर्यटक थे। जम्मू में एक रक्षा प्रवक्ता ने कहा, ‘4-5 मई की मध्य रात्रि को पाकिस्तानी सेना की चौकियों ने नियंत्रण रेखा के पार कुपवाड़ा, बारामूला, पुंछ, राजौरी, मेंढर, नौशेरा, सुंदरबनी और जम्मू कश्मीर के अखनूर क्षेत्रों में बिना उकसावे के छोटे हथियारों से गोलीबारी की।’ उन्होंने कहा, ‘भारतीय सेना ने इस गोलीबारी का तुरंत और माकूल जवाब दिया।’

पाकिस्तानी सैनिकों ने 5 सीमावर्ती जिलों - जम्मू क्षेत्र में पीर पंजाल के दक्षिण में जम्मू, राजौरी और पुंछ तथा कश्मीर घाटी में बारामूला एवं कुपवाड़ा जिलों में रात भर गोलीबारी की। शुरुआत में उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा और बारामूला जिलों में नियंत्रण रेखा पर कई चौकियों को निशाना बनाकर बिना उकसावे के छोटे हथियारों से गोलीबारी शुरू करने के बाद, पाकिस्तान ने संघर्ष विराम का उल्लंघन करते हुए पुंछ सेक्टर और उसके बाद जम्मू क्षेत्र के अखनूर सेक्टर तक गोलीबारी की। इसके बाद राजौरी जिले के सुंदरबनी और नौशेरा सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास कई चौकियों पर छोटे हथियारों से गोलीबारी की गयी, जबकि उसके बाद जम्मू जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास परगवाल सेक्टर में गोलीबारी की गयी।

भारत और पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशकों (डीजीएमओ) के बीच 29 अप्रैल को ‘हॉटलाइन’ पर बातचीत हुई थी। इस दौरान भारत ने पाकिस्तान की ओर से जम्मू कश्मीर में एलओसी पर बिना उकसावे के की जा रही गोलीबारी पर चर्चा की थी। इसके बावजूद संघर्ष विराम का उल्लंघन करते हुए गोलीबारी की जा रही है। ऐसा माना जा रहा है कि भारतीय पक्ष ने पाकिस्तानी पक्ष को बिना उकसावे के की गई गोलीबारी के बारे में चेतावनी दी थी।

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