

मुंबई : बॉम्बे हाई कोर्ट के ‘कबूतरखानों’ को बंद करने के आदेश के बाद प्रदर्शनकारियों ने बुधवार को मुंबई के दादर स्थित कबूतरखाने को ढंकने के लिए नगर निगम द्वारा लगाए गए तिरपाल को हटा दिया।
प्रदर्शनकारियों में अधिकतर जैन समुदाय से थे। गुस्साए प्रदर्शनकारियों की पुलिस से झड़प भी हुई क्योंकि पुलिस ने उन्हें नगर निगम द्वारा लगाए गए तिरपाल को हटाने से रोकने की कोशिश की। मुंबई के उपनगरीय जिले के संरक्षक मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने बाद में घटनास्थल का दौरा किया। लोढ़ा ने घटना की निंदा की और कहा कि पुलिस मामले में उचित कार्रवाई करेगी। उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की भी अपील की और कहा कि इलाके में स्थित एक जैन मंदिर के ट्रस्ट के प्रबंधन ने दावा किया है कि इस प्रदर्शन में उनकी कोई भूमिका नहीं है। हाल में हाई कोर्ट ने कबूतरों की बीट के कारण सांस लेने में तकलीफ जैसी स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को देखते हुए मुंबई के कबूतरखानों को बंद करने का आदेश दिया था। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को उपमुख्यमंत्री अजित पवार, मंत्रियों गणेश नाइक, गिरीश महाजन और मंगल प्रभात लोढ़ा के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की। फडणवीस ने बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) को निर्देश दिया कि वैकल्पिक उपाय किए जाने तक संगठनात्मक सहयोग से कबूतरों को नियंत्रित आहार जारी रखा जाए। जैन समुदाय के लिए कबूतरों को दाना डालना एक पवित्र परंपरा है। उन्होंने इसे बंद करने का कड़ा विरोध किया है। मुंबई में प्रदर्शन हुए और कबूतरों के सांस्कृतिक महत्व एवं सड़कों पर मर रहे कबूतरों की पीड़ा पर प्रकाश डाला गया। पुलिस के प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के बाद लोढ़ा ने घटनास्थल का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने कबूतरखाने के सामने स्थित एक जैन मंदिर के प्रबंधन से भी बात की। इस मुद्दे पर लोढ़ा ने मीडियाकर्मियों से कहा कि सुबह कबूतरखाने में जो कुछ भी हुआ वह ‘गलत’ और ‘निंदनीय’ था।