

दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (25 नवंबर, 2025) को इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शसनेस (ISKCON) द्वारा चलाए जा रहे स्कूलों में यौन शोषण के कथित मामलों की जांच की मांग करने वाले पिटीशनर्स से कहा कि वे अपनी शिकायतों के साथ नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स (NCPCR) से संपर्क करें।
जस्टिस बी.वी. नागरत्ना और आर. महादेवन की बेंच ने कहा कि अगर उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में राज्य बाल अधिकार आयोगों को ऐसी रिप्रेजेंटेशन दी जाती हैं, तो उन पर सही समय में विचार किया जाएगा।
बेंच ने कहा, "हम इस पिटीशन का निपटारा करते हैं और पिटीशनर्स को NCPCR, U.P. SCPCR (उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग) और पश्चिम बंगाल SCPCR (पश्चिम बंगाल बाल अधिकार संरक्षण आयोग) को एक नया रिप्रेजेंटेशन/रिमाइंडर देने की छूट देते हैं, ताकि इस पिटीशन में लगाए गए आरोपों को इन रेस्पोंडेंट्स के ध्यान में लाया जा सके।"
सुप्रीम कोर्ट रजनीश कपूर और दूसरों की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें इस्कॉन द्वारा चलाए जा रहे स्कूलों में यौन शोषण के कथित मामलों की जांच की मांग की गई थी।