सन्मार्ग संवाददाता
श्री विजयपुरम : अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह से सांसद बिष्णु पद रे ने जानकारी दी है कि द्वीपसमूह में लंबे समय से चली आ रही आवश्यक उर्वरकों डाय-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) और यूरिया की अनुपलब्धता की समस्या का समाधान कर लिया गया है और अब इनकी आपूर्ति प्रक्रिया क्रियान्वयन चरण में प्रवेश कर चुकी है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2019 के आसपास से द्वीपसमूह में डीएपी और यूरिया की आपूर्ति एवं आयात बाधित रहने के कारण स्थानीय किसानों को गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। अनुदानित उर्वरकों की कमी के चलते कृषि उत्पादकता प्रभावित हुई और किसानों को ऊँची कीमतों पर कालाबाजारी से उर्वरक खरीदने के लिए विवश होना पड़ा, जिससे खेती की लागत में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। वर्ष 2024 में चौथी बार सांसद निर्वाचित होने के बाद बिष्णु पद रे ने इस विषय को प्राथमिकता देते हुए भारत सरकार, केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री तथा अंडमान-निकोबार प्रशासन के समक्ष लगातार प्रयास किए, ताकि द्वीपसमूह में उर्वरकों की नियमित आपूर्ति बहाल हो सके। सतत अनुवर्ती कार्रवाई और समन्वय के परिणामस्वरूप अब सभी आवश्यक प्रशासनिक प्रक्रियाएं पूर्ण कर ली गई हैं। डीएपी और यूरिया की पूरी राशि आपूर्तिकर्ता कंपनी को भुगतान कर दी गई है, कंटेनर तैयार कर लिए गए हैं तथा तूतीकोरिन से चेन्नई तक उर्वरकों का परिवहन प्रारंभ हो चुका है। अगले दो दिनों में ट्रांजिट प्रक्रिया पूरी होने के बाद यह खेप अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह की ओर रवाना होगी। इस प्रकार उर्वरक अब आधिकारिक रूप से द्वीपसमूह के लिए प्रेषित हो चुके हैं। सांसद ने स्पष्ट किया कि डीएपी और यूरिया की आपूर्ति सुनिश्चित करने में किसी प्रकार की नीति या बजटीय बाधा नहीं है और भविष्य में ऐसी स्थिति की पुनरावृत्ति से बचने के लिए समय पर मांग प्रस्तुत करना और बेहतर समन्वय अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि उर्वरकों के आगमन से किसानों को त्वरित राहत मिलेगी, अवैध कालाबाजारी पर अंकुश लगेगा और द्वीपसमूह में कृषि लागत स्थिर होगी। सांसद ने किसानों के हित में सुचारु वितरण सुनिश्चित करने तथा अग्रिम योजना आधारित उर्वरक आपूर्ति व्यवस्था विकसित करने के लिए स्थिति पर लगातार निगरानी रखने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

