श्रीलंका में आपातकाल

श्रीलंका ने आपदा राहत कार्यों से निपटने के लिए आपातकाल की घोषणा की
श्रीलंका में आपातकाल
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कोलंबो: श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने बाढ़ से हुई तबाही की स्थिति को ध्यान में रखते हुए पूरे देश में आपातकाल की घोषणा कर दी।शुक्रवार को एक सर्वदलीय बैठक में विपक्षी नेताओं ने आपातकाल की घोषणा करने की मांग की थी।चिकित्सकों के ट्रेड यूनियन ने दिसानायके को लिखे एक पत्र में आपातकाल लागू करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया था।

राहत कार्य में तेजी के मद्देनजर आपातकाल

शुक्रवार और शनिवार को जारी एक आधिकारिक राजपत्र के अनुसार, पूरे देश में आपातकाल की घोषणा कर दी गई है। इससे राहत समन्वय और बचाव कार्यों की प्रक्रिया में तेजी आने की उम्मीद है। अधिकारियों ने बताया कि संकट की स्थिति से निपटने के लिए सैनिकों, पुलिस, स्वास्थ्य सेवा, नागरिक प्रशासन और नागरिक सुरक्षा बल की त्वरित तैनाती की आवश्यकता है ताकि आपातकाल में भी मदद मिल सके।

चक्रवात 'डिटवा' भारत की ओर सक्रीय

मौसम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि चक्रवात ‘दित्वा’ शनिवार को श्रीलंका से निकलकर दक्षिण भारतीय तटीय रेखा में प्रवेश कर गया। चक्रवात से हुई तबाही में 120 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई और बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा। मौसम विभाग की महानिदेशक अथुला करुणानायके ने संवाददाताओं को बताया, “हमने देखा कि ‘दित्वा’ श्रीलंका से भारतीय तट की ओर बढ़ रहा है।'

उन्होंने बताया, 'हालांकि, भारी बारिश और तेज हवाओं के साथ इसका अप्रत्यक्ष प्रभाव कुछ समय तक बना रहेगा।' आपदा प्रबंधन केंद्र (डीएमसी) के अनुसार, सुबह नौ बजे तक मृतकों की संख्या आधिकारिक तौर पर 123 हो गयी, थी जबकि 130 लोग लापता हैं। यह संख्या और भी ज्यादा होने की आशंका है क्योंकि तूफान के कारण बुरी तरह प्रभावित इलाकों में संचार व्यवस्था ठप हो गई है। भारत में भी जरुरी कदम उठाए गए हैं।

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