शेपे नदी ने लोंगलेंग में खेतों और बागानों को तबाह किया

स्वयंसेवकों द्वारा दीमापुर में राहत कार्य जारी
शेपे नदी ने लोंगलेंग में खेतों और बागानों को तबाह किया
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लोंगलेंग : लगातार भारी बारिश के बाद शेपे नदी में अचानक आए उफान ने नागालैंड के लोंगलेंग ज़िले के चिंगोंग और योंगन्याह गांवों में कृषि भूमि को भारी नुकसान पहुंचाया है। डीआईपीआर की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 5 जुलाई की तड़के आई बाढ़ चिंगोंग गांव के अल्ला क्षेत्र और योंगन्याह गांव के कुछ हिस्सों में मत्स्य पालन और परिपक्व बागानों को बहा ले गयी। चिंगोंग ग्राम परिषद के अध्यक्ष लुंगमेई एम के अनुसार, इस बाढ़ ने क्षेत्र के किसानों की आजीविका को बुरी तरह प्रभावित किया है। उन्होंने नुकसान की गंभीरता को रेखांकित करते हुए कहा, ‘अधिकांश बागान - सुपारी, नारियल, लीची और सेब - लगभग पांच से छह साल पुराने थे।’ लुंगमेई ने चल रही सरकारी योजनाओं पर पड़ने वाले प्रभावों पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास विभाग द्वारा कार्यान्वित राष्ट्रीय मोबाइल निगरानी प्रणाली (एनएमएमएस) के पहले और दूसरे चरण के तहत प्रभावित भूमि को हाल ही में जियोटैग किया गया है और यह क्षति आगामी तीसरे और चौथे चरण के तहत प्रगति में बाधा बन सकती है। उन्होंने सरकारी एजेंसियों से तत्काल आकलन करने और प्रभावित किसानों को मुआवजा देने का आग्रह किया। कृषि संबंधी नुकसान के अलावा, आर्थिक महत्व सड़क पुल को भी नुकसान पहुंचा है, जिससे स्थानीय निवासियों और यात्रियों का आवागमन बाधित हुआ है। प्रारंभिक अनुमानों के अनुसार, कृषि भूमि और मत्स्य पालन को लगभग 15 लाख रुपये का नुकसान हुआ है।

बाढ़ प्रभावित परिवारों के लिए राहत कार्य

दीमापुर में भारी बारिश का असर जारी रहने के कारण हाल ही में आई बाढ़ से प्रभावित परिवारों की सहायता के लिए राहत कार्य तेज कर दिए गए हैं। भाजपा (नागालैंड) ने प्रदेश अध्यक्ष बेंजामिन येप्थोमी के नेतृत्व में विगत दिनों दीमापुर में बाढ़ प्रभावित परिवारों को राहत सामग्री वितरित की। राहत अभियान में एसएम कॉलोनी, रियो कॉलोनी, नागा गांव, सचू कॉलोनी और इमकोंगलेन्डेन कॉलोनी शामिल थे। भाजपा ने कहा कि यह पहल सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण के प्रति उसकी प्रतिबद्धता का हिस्सा है। भाजपा नागालैंड ने प्रभावित परिवारों के साथ एकजुटता व्यक्त की और ऐसे संकटों के दौरान समय पर सहायता प्रदान करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। इसी तरह के एक प्रयास में, दीमापुर स्थित एक स्थानीय गैर सरकारी संगठन, एजुसेंटर लाइवलीहुड एंड एंटरप्रेन्योरशिप स्किल्स सेंटर (ईएलईएससी) ने 8 जुलाई को विल्हुमे कॉलोनी में 80 से अधिक परिवारों को खाद्य राहत पैकेज वितरित किए। यह वितरण विल्हुमे परिषद के सहयोग से किया गया। ईएलईएससी के अनुसार, हाल ही में आई बाढ़ के कारण कॉलोनी वासियों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है। बच्चों, बुजुर्गों और विकलांग लोगों सहित कमजोर समूहों को विशेष प्राथमिकता दी गयी। ईएलईएससी के अध्यक्ष लेजो पुटसुरे ने कहा कि यह राहत तत्काल सहायता और दीर्घकालिक पुनर्वास सहायता प्रदान करने के व्यापक प्रयास का हिस्सा है। उन्होंने कहा, ‘हमारी प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि इस प्राकृतिक आपदा के बाद प्रभावितों को हर तरह की सहायता प्रदान की जाए।’ ईएलईएससी ने व्यक्तियों, व्यवसायों और सामुदायिक समूहों से भी आगे आकर चल रहे राहत कार्यों में योगदान देने का आह्वान किया।

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