नई दिल्ली: आरक्षण संशोधन विधेयक गुरुवार (09 नवंबर) को बिहार विधानसभा में पास हो गया। इस विधेयक को विधानसभा में ध्वनिमत से सर्वसम्मति से पास किया गया। विधेयक को संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी ने सदन में पेश किया था। इसके बाद इसे ध्वनिमत से पास किया। इसके पहले आरक्षण का दायरा 60 फीसदी से बढ़ाकर 75 फीसदी करने का प्रस्ताव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा में रखा था।
राज्यपाल से स्वीकृति मिलना बाकि
बिहार में जातीय जनगणना की रिपोर्ट सार्वजनिक होने और बदली हुई नई जातीय स्थिति के बाद यह मांग हो रही थी कि पिछड़ा अतिपिछड़ा की जनसंख्या में इजाफा हुआ है। लिहाजा इसके संदर्भ में अब आरक्षण का दायरा बढ़ाया जाना चाहिए। यह विधेयक अब विधानपरिषद में पेश किया जाएगा। परिषद से भी विधेयक के पास होने के बाद इसे राज्यपाल के पास भेजा जाएगा। महामहिम राज्यपाल की स्वीकृति मिलने के बाद आरक्षण की नई स्थिति को लेकर नियमावली सरकार बनाएगी।
EWS कोटे में बढ़ोतरी की मांग
वहीं, EWS कोटे की बात करें तो बिहार सरकार ने ईडब्ल्यूएस के दायरे के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की है। जबकि आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार सवर्णों में भूमिहार सबसे गरीब है। अब इसके आधार पर ये मांग भी उठने लगी है कि गरीब सवर्णों के लिए भी आरक्षण के 10 फीसदी के दायरे को बढ़ाया जाना चाहिए। बिहार विधानसभा में जदयू के विधायक संजीव सिंह और कांग्रेस की विधायक नीतू सिंह ने ईडब्ल्यूएस का दायरा बढ़ाने की मांग की है।