

मुंबई - इस साल महाराष्ट्र में मानसून अपने समय से पहले पहुंच गया, जिसके कारण कई राज्यों में जोरदार बारिश शुरू हो गई। इस बारिश ने लोगों की जिंदगी मुश्किल कर दी और 21 लोगों की मौत हो गई। सड़कों पर पानी जमा हो गया और किसानों की फसलें भी पूरी तरह नष्ट हो गईं। महज पांच दिनों में राज्य के विभिन्न हिस्सों में हुई इस भारी बारिश के चलते 21 लोग मारे गए और कई घायल भी हुए। जानकारी के मुताबिक, इस साल मानसून केरल से होते हुए महाराष्ट्र में सामान्य से 15 दिन पहले ही पहुंच गया।
बारिश से किसानों की फसल बर्बाद
महाराष्ट्र में हुई इस अनियोजित बारिश ने लोगों को भारी नुकसान पहुंचाया है। खासकर लातूर जिले में बेमौसम हुई तेज बारिश की वजह से किसानों की टमाटर और प्याज की फसल पूरी तरह खराब हो गई है, जिससे किसान निराश नजर आ रहे हैं। लातूर में लगातार दो दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश ने बाग-बगीचों, फलों, सब्जियों और पत्तेदार फसलों को बुरी तरह प्रभावित किया है। उदाहरण के तौर पर, बुधोडा के किसान तुकाराम चालवाड़ की 2 एकड़ में लगी टमाटर की और 1 एकड़ में लगी प्याज की फसल बारिश से नुकसान का शिकार हो गई है।
आर्थिक मदद की मांग
तुकाराम चालवाड़ ने टमाटर और प्याज की फसल उगाने में लगभग 2.5 लाख रुपये खर्च किए थे, लेकिन इस बारिश की वजह से फसल कटाई के वक्त भारी नुकसान हो गया। अब उनके सामने ये समस्या है कि वे इस नुकसान की भरपाई कैसे करें और आगामी खरीफ फसल की बुवाई का खर्चा कैसे जुटाएं। इसी कारण उन्होंने प्रशासन से तुरंत पंचनामा कराने और बुवाई से पहले आर्थिक मदद देने की मांग की है।
संगठन ने दी सरकार को चेतावनी
इस बीच, क्रांतिकारी किसान संगठन भी किसानों के नुकसान के मुद्दे पर सरकार से नुकसान का आकलन करने और आर्थिक सहायता देने की मांग की है। उन्होंने सरकार से कहा है कि सरकार किसानों की मदद करें नहीं तो वे इस मुद्दे पर राज्यव्यापी आंदोलन शुरू करेंगे।