जेपी इन्फ्राटेक लिमिटेड व अन्य पर छापामारी

1.70 करोड़ नकद व दस्तावेज जब्त
जेपी इन्फ्राटेक लिमिटेड व अन्य पर छापामारी
Published on

नयी दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कहा है कि उसने घर खरीददारों से धोखाधड़ी के मामले से जुड़ी धनशोधन जांच में जेपी इन्फ्राटेक लि.(जेआईएल), जयप्रकाश एसोसिएट्स लि.(जेएएल) और अन्य संस्थाओं के खिलाफ छापामारी के दौरान 1.70 करोड़ रुपये नकद और अचल संपत्ति से जुड़े दस्तावेज जब्त किए हैं। धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत 23 मई को दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद और मुंबई में 15 परिसरों पर छापामारी की गयी थी। छापामारी के दौरान जेएएल, इसकी संबंधित संस्थाओं और इसके प्रवर्तक निदेशकों के कार्यालयों तथा परिसरों की तलाशी ली गयी। ईडी नेकहा, ‘गौरसंस इंडिया प्रा.लि., गुलशन होम्ज प्रा.लि. और महागुन रियल एस्टेट प्रा. लि. सहित जेएएल के प्रमुख कारोबारी सहयोगियों से संबंधित कार्यालयों और परिसरों पर भी तलाशी ली गयी।’

निदेशकों के खिलाफ प्राथमिकी से आया यह मामला

धनशोधन का यह मामला दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) और उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा जेएएल, जेआईएल जैसी कंपनियों और उनके प्रवर्तकों तथा निदेशकों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी से उत्पन्न हुआ है। प्राथमिकी में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश का आरोप लगाया गया है, जिसमें जेपी विशटाउन (जेआईएल) और जेपी ग्रीन्स (जेएएल) जैसी परियोजनाओं में आवासीय अपार्टमेंट और भूखंडों के आवंटन के बहाने घर खरीददारों और निवेशकों को धन निवेश करने के लिए बेईमानी से प्रेरित करना शामिल है। तलाशी के दौरान, प्रवर्तकों, उनके परिवार के सदस्यों और समूह की कंपनियों के नाम पर अचल संपत्तियों से संबंधित दस्तावेजों के साथ-साथ वित्तीय दस्तावेज और डिजिटल उपकरण तथा 1.70 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की गयी। वर्तमान में दिवालियापन कार्यवाही का सामना कर रही जयप्रकाश एसोसिएट्स लि.सीमेंट, निर्माण, रियल एस्टेट, बिजली और आतिथ्य व्यवसाय में है।सुरक्षा रियल्टी ने एनसीआर में लगभग 20,000 फ्लैटों वाली रुकी हुई आवासीय परियोजनाओं को पूरा करने के लिए दिवालियापन के माध्यम से जेपी इन्फ्राटेक लि. का अधिग्रहण किया है। संबंधित कंपनियों या प्रवर्तकों की ओर से प्रतिक्रिया नहीं मिली है। 

संबंधित समाचार

No stories found.

कोलकाता सिटी

No stories found.

खेल

No stories found.
logo
Sanmarg Hindi daily
sanmarg.in