

सन्मार्ग संवाददाता
श्री विजयपुरम : दक्षिण अंडमान पुलिस ने पहाड़गांव पुलिस स्टेशन के नेतृत्व में एक सुव्यवस्थित अभियान के बाद एक संगठित ड्रग सप्लाई और सेक्सटॉर्शन रैकेट का भंडाफोड़ किया है। विश्वसनीय खुफिया जानकारी के आधार पर पुलिस ने अवैध मादक पदार्थों के वितरण और प्रमुख व्यक्तियों को निशाना बनाकर एक उच्च-स्तरीय जबरन वसूली योजना में शामिल कई व्यक्तियों को गिरफ्तार किया। यह अभियान पहाड़गांव पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) इंस्पेक्टर मोहम्मद इलियास के नेतृत्व में सब-इंस्पेक्टर मनीष नारायण और कांस्टेबल राहुल कुमार मौर्य, शिव कुमार और रीना की एक टीम ने साथ मिलकर कामराज नगर में एक रिसॉर्ट के पास दो संदिग्धों को रोका। संदिग्धों की पहचान नाजनीन खान (34) और मेनका सिंह (24) के रूप में हुई। मेनका सिंह की तलाशी लेने पर टीम ने लगभग एक ग्राम मेथमफेटामाइन बरामद किया। यह ऑपरेशन सहायक पुलिस अधीक्षक (दक्षिण अंडमान), विकास स्वामी, आईपीएस की देखरेख में चलाया गया। नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम, 1985 के तहत मामला दर्ज किया गया और सब-इंस्पेक्टर शिवहरे को जांच का नेतृत्व सौंपा गया।
षड्यंत्र का पर्दाफाश :
जांच तेजी से आगे बढ़ी और तीन और संदिग्धों की गिरफ्तारी हुई है जिसमें डॉ. जावेद मरीकर (35), शशांक पुरिया (37) और सम्राट (33) शामिल हैं। तकनीकी निगरानी और विश्लेषण ने नाजनीन खान द्वारा रची गई एक आपराधिक साजिश का खुलासा किया। जांच से पता चला कि खान ने मेनका सिंह के साथ मिलकर एक बड़ी जबरन वसूली रणनीति के तहत एक फर्जी ड्रग मामले में एक व्यक्ति को झूठा फंसाने की योजना बनाई थी। जांच में डॉ. जावेद और नाजनीन खा द्वारा संचालित एक पूर्ण विकसित सेक्सटॉर्शन रैकेट का पर्दाफाश हुआ। इस सिंडिकेट ने छत्तीसगढ़ और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह जैसे कई क्षेत्रों में व्यापारियों और राजनेताओं सहित धनी और सामाजिक रूप से प्रभावशाली व्यक्तियों को निशाना बनाया। पीड़ितों को बलात्कार और छेड़छाड़ जैसे गंभीर अपराधों के झूठे आरोप लगाने की धमकी के तहत भारी रकम, जो अक्सर करोड़ों में होती है, देने के लिए मजबूर किया जाता था।