

श्रीनगर: 14 फरवरी 2019 का दिन देश को एक गहरा जख्म देकर गुजर गया। इस दिन CRPF के काफिले पर आत्मघाती हमला हुआ था और इस हमले में CRPF के करीब 40 जवान शहीद हो गए थे। इस हमले में शहीद जवानों को आज लतपुरा CRPF कैंप में श्रद्धांजलि दी गई। UAE और कतर के दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुलवामा आतंकी हमले के शहीदों को याद किया और उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि उनके बलिदान को देश हमेशा याद रखेगा।
पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि
पीएम मोदी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लिखा, 'मैं पुलवामा में शहीद हुए वीरों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। हमारे राष्ट्र के लिए उनकी सेवा और बलिदान को हमेशा याद रखा जाएगा।"
बता दें कि पुलवामा के लतपुरा CRPF कैंप में उन सभी शहीद जवानों की याद में एक वॉल बनाया गया है जिस पर शहीद जवानों के नाम लिखे गए हैं। साथ ही साथ इस वॉल के पास एक कलश रखा गया है जिसमें उन सभी जवानों के घरों के आंगन की मिट्टी जमा कर लाई गई है और हर साल जवान और अफसर उन सभी जवानों के बलिदान को याद करते हैं। उन पर फूल बरसाते हैं और उन्हें नम आंखों से श्रद्धांजलि अर्पित कर सलाम करते हैं।
क्या हुआ था 14 फरवरी 2019 को ?
दरअसल,14 फरवरी 2019 को फोर्स डिप्लॉयमेंट के तहत CRPF का एक बहुत बड़ा काफिला श्रीनगर की तरफ आ रहा था। जैसे ही यह काफिला नेशनल हाईवे पुलवामा के लतपुरा के पास पहुंचा ठीक 3:15 पर आत्मघाती हमलावर आदिल ने विस्फोटकों से लैस अपनी ईको कार को CRPF के काफिले में शामिल एक बस से टकरा दिया। पूरा इलाका धमाके की गूंज से दहल उठा। धमाके में CRPF के 40 जवान शहीद हो गए।
कश्मीर की मिलिटेंसी के इतिहास में पुलवामा का यह हमला सबसे बड़ा आतंकी हमला था। हमले के कुछ दिनों बाद ही भारतीय सेना ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की और जैश के आतंकी ठिकानों को तबाह किया। कश्मीर में जैश और दूसरे आतंकी संगठनों के खिलाफ बड़े पैमाने पर ऑपरेशन ऑल आउट चलाया गया। ऑपरेशन ऑल आउट में न सिर्फ पुलवामा हमले में शामिल आतंकी बल्कि लश्कर, जैश, हिजबुल मुजाहिदीन और अंसार उल गजवत अल हिंद के सभी टॉप कमांडर्स को मार दिया गया।
जम्मू-कश्मीर में CRPF की अहम भूमिका
यह हमला कश्मीर में आतंक को खत्म करने के लिए टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ। इस हमले से CRPF के हौसले काफी बुलंद हुए। CRPF ने जम्मू कश्मीर पुलिस और सेना के साथ मिलकर आतंकियों का मुकाबला किया। इतना ही नहीं इस हमले के तुरंत बाद कश्मीर में पार्लियामेंट के चुनाव भी करवाए गए जिसमें CRPF की भूमिका अहम रही। वहीं CRPF की टीम ने अमरनाथ यात्रा को भी सुरक्षा प्रदान किया। धारा, 370 हटाए जाने के बाद कश्मीर के हालात पर कड़ी निगाह रखी और कोई खून खराबा नहीं हुआ। देश के बलिदान जवानों पर पूरा देश आज गर्व महसूस कर रहा है। जवानों की शहादत और आतंकियों को खत्म करने की मंशा की वजह से आज कश्मीर में शांति है। कश्मीर की तस्वीर बदल गई है। आज ना हिंसा का डर है ना ही पत्थर बाजी का।