किफिरे और लोंगलेंग में कृषि नवाचार को बढ़ावा

किसानों ने लिया बढ़-चढ़ कर भाग
कार्यक्रम की एक तस्वीर
कार्यक्रम की एक तस्वीर
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किफिरे : किफिरे और लोंगलेंग जिला के किसानों ने विकासशील कृषि संकल्प अभियान (वीकेएसए) में भाग लिया, जिससे टिकाऊ कृषि और ग्रामीण विकास के प्रति उनकी प्रतिबद्धता की पुष्टि हुई।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में और केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान के मार्गदर्शन में शुरू की गयी इस पहल का उद्देश्य वैज्ञानिक ज्ञान, नवाचार और समावेशी विकास रणनीतियों के माध्यम से किसानों को सशक्त बनाना है। किफिरे में अभियान का आयोजन सलाहकार एस क्यूसुमेव की अध्यक्षता में किया गया, जिन्होंने राष्ट्र निर्माण में किसानों की आवश्यक भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत को विकासशील भारत प्राप्त करने के लिए, किसानों को न केवल कृषि में बल्कि राष्ट्रीय विकास के सभी क्षेत्रों में अग्रणी भूमिका निभानी होगी। केवीके किफिरे में प्रमुख और वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. लहर ज्योति बरदोलोई ने एसएचजी, एफपीओ और ग्रामीण युवाओं की भागीदारी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए किसानों के लिए निरंतर तकनीकी सहायता और प्रशिक्षण का आश्वासन दिया। अब तक तीन आउटरीच टीमों ने 80 से अधिक गांवों को कवर किया है। सरकारी योजनाओं और आधुनिक कृषि तकनीकों के बारे में जागरूकता बढ़ा रही हैं।

लोंगलेंग में वीकेएसए अभियान ने उल्लेखनीय गति प्राप्त की है, केवल आठ दिनों में 45 गांवों तक पहुंच गयी है, जिसमें 11,051 से अधिक किसान जागरूकता अभियान और प्रदर्शनों में भाग ले रहे हैं। जिला नोडल अधिकारी डॉ हरि चरण कलिता ने आईसीएआर-केवीके नेतृत्व के साथ सरकारी अधिकारियों के मार्गदर्शन में प्रयासों का नेतृत्व किया है। 6 जून को ओरंगकोंग गांव में एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसमें विधायक बी बंगटिक फोम, अध्यक्ष वाई बी अंगम और डिप्टी कमिश्नर डब्ल्यू मनपाई फोम ने भाग लिया। रिकॉर्ड 1,432 किसानों ने व्यक्तिगत रूप से भाग लिया, जिसमें आसपास के क्षेत्रों से 2,244 पंजीकरण हुए। कार्यक्रम ने केवीके लोंगलेंग की पहलों में किसानों का विश्वास मजबूत किया। किसानों, खास तौर पर दूरदराज के आदिवासी समुदायों के किसानों ने प्राकृतिक खेती, जलवायु अनुकूल तकनीक और रोग निवारण रणनीतियों को उत्साहपूर्वक अपनाया है। डीआईपीआर की रिपोर्ट में कहा गया है कि वीकेएसए-2025 के जोर पकड़ने के साथ ही आईसीएआर-केवीके किसानों तक विज्ञान और टिकाऊ समाधान पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे भारत के कृषि परिवर्तन में उनकी भूमिका मजबूत होगी।


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