सैम पित्रोदा के नस्लीय बयान पर PM मोदी ने कांग्रेस-राहुल गांधी को घेरा

सैम पित्रोदा के नस्लीय बयान पर PM मोदी ने कांग्रेस-राहुल गांधी को घेरा
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नई दिल्ली: इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने एक और विवादित बयान दिया है। हाल ही में विरासत टैक्स वाले बयान के बाद उनका ये दूसरा एक और विवादित बयान है। इस बयान के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर हमला किया है। दरअसल, पित्रोदा का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वह भारत के अलग-अलग हिस्सों में रहने वाले लोगों की तुलना विवादित रूप से करते नजर आ रहे हैं।

'देश की चमड़ी का अपमान कर रहा विपक्ष'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तेलंगाना के वारंगल में एक रैली को संबोधित करते हुए सैम पित्रोदा के बयान पर कांग्रेस और राहुल गांधी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि आज मैं बहुत गुस्से में हूं। शहजादे के एक अंकल ने आज ऐसी गाली दी है, जिसने मुझे गुस्से में भर दिया है। संविधान सिर पर रखने वाले लोग देश की चमड़ी का अपमान कर रहे हैं। पीएम ने आगे कहा कि जिनकी चमड़ी का रंग काला होता है, क्या ये सब अफ्रीका के हैं? मेरे देश के लोगों को चमड़ी के रंग के आधार पर इन्होंने गाली दी है। चमड़ी का रंग कोई भी हो, हम तो श्रीकृष्ण की पूजा करने वाले लोग हैं। शहजादे आपको जवाब देना होगा। चमड़ी के रंग के आधार पर मेरे देशवासियों का अपमान देश सहन नहीं करेगा और मोदी तो कतई सहन नहीं करेगा।

सैम पित्रोदा ने क्या कहा था ?

इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने भारत के अलग-अलग क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की विवादित रूप से तुलना की थी। उन्होंने कहा था कि भारत एक अत्यंत विविधता भरा देश है, जहां पूर्वी भारत में रहने वाले लोग चीन के लोगों जैसे, पश्चिम में रहने वाले अरब जैसे, उत्तर भारत में रहने वाले श्वेतों की तरह और दक्षिण में रहने वाले अफ्रीकी लोगों की तरह दिखते हैं। लेकिन इससे फर्क नहीं पड़ता। उन्होंने कहा कि हम अलग-अलग भाषाओं, धर्मों और रीति-रिवाजों का सम्मान करते हैं। ये वही भारत है, जिस पर मेरा भरोसा है, जहां हर किसी का सम्मान है और हर कोई थोड़ा-बहुत समझौता करता है।

विरासत टैक्स पर भी दे चुके हैं बयान

इससे पहले सैम पित्रोदा ने विरासत टैक्स को लेकर विवादित बयान दिया था। उन्होंने ये बयान राहुल गांधी की उस टिप्पणी के जवाब में दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर कांग्रेस सरकार में आई तो एक सर्वे कराया जाएगा और पता लगाया जाएगा कि किसके पास कितनी संपत्ति है। उनके इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए पित्रोदा ने अमेरिका में लगने वाले विरासत टैक्स का जिक्र किया था। पित्रोदा ने कहा था कि अमेरिका में विरासत टैक्स लगता है।0 अगर किसी शख्स के पास 10 करोड़ डॉलर की संपत्ति है। उसके मरने के बाद 45 फीसदी संपत्ति उसके बच्चों को ट्रांसफर हो जाती है जबकि 55 फीसदी संपत्ति पर सरकार का मालिकाना हक हो जाता है। मालूम हो कि पित्रोदा के इस बयान पर खूब विवाद हुआ था।

कौन हैं सैम पित्रोदा?

सैम पित्रोदा का पूरा नाम सत्यनारायण गंगाराम पित्रोदा है। उनकी पहचान टेलीकॉम इन्वेंटर और एंटरप्रेन्योर के तौर पर है। वो लगभग 50 साल से टेलीकॉम और कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी पर काम कर रहे हैं। भारत के ओडिशा के तितिलागढ़ में गुजराती परिवार में 1942 में उनका जन्म हुआ था। सात भाई-बहनों में पित्रोदा तीसरे नंबर पर हैं। गुजरात के एक बोर्डिंग स्कूल से पढ़ाई करने के बाद उन्होंने वड़ोदरा की महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी से फिजिक्स और इलेक्ट्रॉनिक्स में मास्टर्स डिग्री ली। आगे की पढ़ाई के लिए वो अमेरिका चले गए। 1964 में शिकागो के इलिनोइस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से उन्होंने फिजिक्स में मास्टर्स डिग्री हासिल की थी। वह पढ़ाई पूरी करने के बाद साल 1965 में वो टेलीकॉम इंडस्ट्री से जुड़ गए। 1975 में उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक डायरी का आविष्कार किया था। ये उनका पहला पेटेंट था। अपने करियर में उन्होंने कई पेटेंट दाखिल किए। उन्होंने मोबाइल फोन पर बेस्ट ट्रांजेक्शन टेक्नोलॉजी का पेटेंट भी दायर किया था।

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