आंध्र प्रदेश, तेलंगाना में परिसीमन कराने से संबंधित याचिका खारिज

लगा ' सुप्रीम' झटका
आंध्र प्रदेश, तेलंगाना में परिसीमन कराने से संबंधित याचिका खारिज
Published on

नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में विधानसभा सीट की संख्या बढ़ाने के लिए परिसीमन कराने के अनुरोध से संबंधित याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह के पीठ ने दोनों राज्यों के खिलाफ कथित भेदभाव की दलील को खारिज करते हुए कहा कि राज्यों में परिसीमन से संबंधित प्रावधान केंद्र शासित प्रदेशों की तुलना में अलग हैं। पीठ ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू- कश्मीर के लिए जारी परिसीमन अधिसूचना से आंध्र प्रदेश और तेलंगाना को बाहर रखने का फैसला मनमाना या भेदभावपूर्ण नहीं बल्कि संवैधानिक था। सुप्रीम कोर्ट ने के. पुरुषोत्तम रेड्डी की याचिका खारिज कर दी, जिन्होंने आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम की धारा 26 को लागू करने के लिए केंद्र को निर्देश देने का अनुरोध किया था। धारा 26 दोनों राज्यों में विधानसभा क्षेत्रों के परिसीमन से संबंधित है। रेड्डी ने दलील दी कि आंध्र प्रदेश और तेलंगाना को छोड़कर केवल नवगठित केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के विधानसभा और संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन करने से अनुचित वर्गीकरण हुआ है और इसलिए यह असंवैधानिक है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2014 की धारा 26 संविधान के अनुच्छेद 170 के अधीन है और इसके अनुसार परिसीमन की प्रक्रिया 2026 के बाद पहली जनगणना के बाद ही की जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नए सिरे से परिसीमन की याचिका को स्वीकार करने से अन्य राज्यों की ओर से भी ऐसी प्रक्रिया अपनाने की मांग को लेकर मुकदमेबाजी बढ़ जाएगी।

संबंधित समाचार

No stories found.

कोलकाता सिटी

No stories found.

खेल

No stories found.
logo
Sanmarg Hindi daily
sanmarg.in