नयी दिल्ली : अमेरिकी रक्षा विभाग ने भारत को चीन से सतर्क रहने की हिदायत देते हुए दावा किया है कि बीजिंग नयी दिल्ली के साथ दोहरे मापदंड अपना रहा है। अमेरिका का दावा है कि चीन भारत के पड़ोसी देशों बांग्लादेश, श्रीलंका और म्यांमार में अपने सैन्य ठिकाने बनाने की संभावना तलाश रहा है। हालांकि चीन ने इस रिपोर्ट को खारिज कर दिया है लेकिन इसमें उठाये गये कुछ ऐसे मसले भी हैं, जो भारत की चिंताएं बढ़ा सकते हैं।
क्या दावे कर रही पेंटागन की रिपोर्ट? : अमेरिकी रक्षा विभाग (पेंटागन) की नयी रिपोर्ट में अमेरिका ने भारत को चीन से सतर्क रहने की हिदायत दी है। रिपोर्ट में यह दावा भी है कि चीन अमेरिका और भारत को करीब नहीं आने देना चाहता। चीन ने इस रिपोर्ट पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि चीन और भारत के आपसी मामलों में अमेरिका को दूर रहना चाहिए। पेंटागन की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन अफ्रीका के जिबूती में मौजूद अपने इकलौते विदेशी सैन्य अड्डा के अलावा कई अन्य देशों में भी सैन्य ठिकाने बनाने की संभावना तलाश रहा है।
इन देशों में भारत के कुछ पड़ोसी देश का नाम भी शामिल है। इन देशों में बांग्लादेश, श्रीलंका और म्यांमार का नाम भी जिक्र है, जहां चीन संभावित सैन्य अड्डों पर विचार कर रहा है। रिपोर्ट में पाकिस्तान का भी जिक्र है हालांकि चीन के साथ पुराने रणनीतिक संबंधों के कारण पाक को अलग श्रेणी में रखा गया है।
हिंद महासागर में अपना सैन्य नेटवर्क विकसित कर रहा चीन
रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार यह चीन की ‘स्ट्रिंग ऑफ पर्ल्स’ रणनीतिक योजना का हिस्सा है। इसके तहत चीन हिंद महासागर क्षेत्र में कई बंदरगाहों पर अपना सैन्य नेटवर्क विकसित कर रहा है। इन रणनीतिक साझेदारियों का जाल बिछाकर चीन समुद्री रास्तों पर अपना प्रभाव बढ़ाना चाहता है। भारत हिंद महासागर को अपना रणनीतिक क्षेत्र मानता है। ऐसे में पड़ोसी देशों में चीन के सैन्य या लॉजिस्टिक ठिकाने, भले ही सीमित क्यों ना हों, नयी सुरक्षा चुनौतियां पैदा कर सकते हैं।