

नई दिल्ली : भारत ने दावा किया है कि पाकिस्तान ने भारतीय सेना पर हमला करने के लिए चीन और तुर्किए से मिले हथियारों का इस्तेमाल किया है। यह पहली बार है जब भारत ने खुले तौर पर चीन का नाम लिया है। इससे पहले भारत सिर्फ तुर्किए के ड्रोन का नाम ले रहा था। पाकिस्तान द्वारा भारत के खिलाफ इस्तेमाल हथियारों में चीन में बनी हवा से हवा में मार करने वाली पीएल-15 मिसाइल और तुर्किए के बाइकर वाईआईएचए-III कामिकेज ड्रोन शामिल थे।
पाक वायुसेना ने इस्तेमाल की चीन में बनी पीएल-15 मिसाइल
भारतीय वायुसेना के महानिदेशक वायु संचालन (डीजीएओ) एअर मार्शल एके भारती ने सबके सामने पाकिस्तान और चीन की इस सांठ-गांठ के सुबूत दिखाते हुए बताया कि पाकिस्तान ने भारतीय सेना के खिलाफ चीन में बनी पीएल-15 मिसाइल और तुर्किए के बायकर वाईआईएचए-III कामिकेज ड्रोन का इस्तेमाल किया। पीएल-15 मिसाइल को चीन की एविएशन इंडस्ट्री कॉरपोरेशन (एवीआईसी) ने बनाया है। यह लंबी दूरी की मिसाइल है और 200 किलोमीटर से ज्यादा दूर तक मार कर सकती है। एअर मार्शल भारती ने मिसाइल के टुकड़ों की तस्वीरें दिखायीं। उन्होंने कहा कि ये चीन में बनी पीएल-15 लंबी दूरी की मिसाइल के टुकड़े हैं, जो भारतीय सीमा पर पाये गये हैं। इसका एक हिस्सा होशियारपुर, पंजाब से मिला है। उन्होंने बताया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भारतीय सेना ने पाकिस्तान की ओर से इस्तेमाल किये गये कई हाई-टेक विदेशी हथियारों को न केवल रोका बल्कि जवाबी कार्रवाई में नष्ट भी किया।
पीएल-15 एक्टिव-रडार-गाइडेड एएएम
पीएल-15, चीन की स्टैंडर्ड एक्टिव-रडार-गाइडेड एएएम है। इसे अमेरिकी एआईएम-120डी विकसित मध्य दूरी कि हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल (एएमआरएएएम) के बराबर बनाने का लक्ष्य था। पीएल-15 मिसाइल का नियार्त संस्करण (वर्जन), पीएल-15ई, 145 किलोमीटर तक की दूरी तय कर सकता है। इसे पाकिस्तान के जेएफ-17 ब्लॉक-III और जे-10सीई लड़ाकू विमानों में लगाया गया है। चीनी सेना की ओर से इस्तेमाल किये जाने वाले घरेलू वर्जन की रेंज 300-500 किलोमीटर बतायी जाती है। गौरतलब है कि 26 अप्रैल को, पाकिस्तानी वायुसेना ने जेएफ-17 विमानों की तस्वीरें जारी की थीं, जिनमें पीएल-15ई और पीएल-10 मिसाइलें लगी थीं। पाकिस्तान के पास लगभग 45-50 जेएफ-17 ब्लॉक-III और 20 जे-10सीई विमान हैं। इस तरह, पाकिस्तान के पास लगभग 70 विमान हैं, जो पीएल-15ई मिसाइल को ले जा सकते हैं।
भारत का चीन को संदेश!
भारतीय सेना का पीएल-15 पर बयान महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पाकिस्तान के साथ सभी सैन्य कार्रवाई रोकने की सहमति के दो दिन बाद आया है। भारत ने पहली बार चीन का नाम लेकर यह संदेश दिया है कि वह चीन की भूमिका से खुश नहीं है। चीन ने कहा था कि वह भारत और पाकिस्तान के बीच शांति लाने में मदद करेगा लेकिन भारत ने चीन पर ही आरोप लगा दिया है। यह एक बड़ा बदलाव है और इससे भारत और चीन के रिश्तों पर असर पड़ सकता है।