

पुरी : ओडिशा में भगदड़ के दौरान तीन लोगों की मौत हो जाने पर राज्य के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी द्वारा भगवान जगन्नाथ के भक्तों से ‘अक्षम्य’ लापरवाही के लिए माफी मांगने के एक दिन बाद पूरा राज्य प्रशासन रथयात्रा के शेष अनुष्ठानों का सुचारु संचालन सुनिश्चित करने में जुट गया है।
पुरी के श्री गुंडिचा मंदिर के पास भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ के दर्शन और रथयात्रा उत्सव से संबंधित समारोह के दौरान रविवार को हुई भगदड़ में तीन लोगों की मौत हो गयी। मुख्यमंत्री के सलाहकार और पूर्व पुलिस महानिदेशक प्रकाश मिश्रा यहां पुरी पहुंचे और रथयात्रा के शेष अनुष्ठानों का सुचारु संचालन सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न जिम्मेदार नागरिकों के साथ विचार-विमर्श किया। मिश्रा ने कहा,‘अब हमें देखना होगा कि रथयात्रा के शेष अनुष्ठान कैसे ठीक ढंग से पूरे किए जाते हैं?’ यह कहते हुए सरकार ने भगदड़ के बाद सभी अनुभवी लोगों को जिम्मेदारी सौंप दी है। मिश्रा ने बताया कि अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) सौमेंद्र प्रियदर्शी समग्र पुलिस व्यवस्था के प्रभारी हैं और वह इस तरह की घटनाओं को संभालने के लिए एक अनुभवी व्यक्ति हैं। उन्होंने कहा कि पुरी के नए जिलाधिकारी चंचल राणा और नए पुलिस अधीक्षक (एसपी) पिनाक मिश्रा को भी पुरी मंदिर मामलों की अच्छी जानकारी है। जगन्नाथ मंदिर से गुंडिचा मंदिर तक देवताओं की यात्रा के रूप में रथयात्रा का पहला चरण पूरा हो गया है। अगले कुछ दिनों में उत्सव के कई अन्य अनुष्ठान आयोजित किए जाएंगे। प्रशासन को यहां 4 जुलाई को ‘संध्या दर्शन’, 5 जुलाई को ‘बाहुडा यात्रा’ या वापसी की यात्रा, 6 जुलाई को ‘सोना वेश’ और 8 जुलाई को ‘निलाद्री बिजे’ जैसे अनुष्ठानों के दौरान लाखों भक्तों के एकत्र होने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री के सलाहकार ने श्रद्धालुओं से अनुशासन बनाए रखने की अपील की है। इस बीच, विकास आयुक्त अनु गर्ग ने कहा कि उन्हें भगदड़ की जांच के लिए 30 दिन का समय दिया गया है। भगदड़ के बाद ओडिशा सरकार ने पुरी के जिलाधिकारी और एसपी का तबादला कर दिया तथा कर्तव्य में लापरवाही के आरोप में पुलिस के 2 वरिष्ठ अधिकारियों को निलंबित कर दिया।