पटना : बिहार सरकार शिक्षा विभाग का नया फरमान जारी हुआ है। अब प्रधानाचार्य मिड डे मील के लिए आपूर्ति किए गए खाद्यान्न का खाली बोरा बेचेंगे। विभाग की ओर से स्पष्ट कहा गया है कि अब प्रधानाचार्य पूर्व से निश्चित प्रति बोरा 10 रुपये की बजाय प्रति बोरा 20 रुपये की न्यूनतम दर से बेचेंगे। शिक्षा विभाग ने आदेश दिया है कि प्रधानाचार्य बोरा बेचने के बाद जो रुपया प्राप्त करेंगे, उसे जिलों में संचालित राज्य योजना मद के तहत खोले गए बैंक खाते में जमा करेंगे। हालांकि, बिहार सरकार शिक्षकों को दी जाने वाली जिम्मेदारियों को लेकर एक नए विवाद में फंस गई है।
बोरों की बिक्री सुनिश्चित की जाये
दरअसल, 14 अगस्त, 2023 को एक पत्र के माध्यम से डायरेक्टर (मिड डे मील) मिथिलेश मिश्रा ने सभी जिला कार्यक्रम अधिकारियों (मध्याह्न भोजन) को निर्देश दिया कि वे राज्य सरकार द्वारा संचालित विद्यालय के छात्रों के लिए मध्याह्न भोजन तैयार करने के लिए परिवहन किए गए अनाज की खपत के बाद बचे हुए बोरों की बिक्री सुनिश्चित करें। संबंधित जिला कार्यक्रम अधिकारियों को राज्य योजना निधि के प्रबंधन के लिए संचालित स्थानीय बैंक खातों में बिक्री आय जमा करने का भी निर्देश दिया गया है। राशि जमा होने के बाद, संबंधित जिला कार्यक्रम अधिकारियों को निदेशक (मिड डे मील) द्वारा पत्र के माध्यम से विभाग को लिखित रूप से सूचित करने के लिए निर्देशित किया गया था।
लगातार सुर्खियों में है विभाग
गौरतलब है कि 2016 में जारी पूर्व निर्देश के अनुसार महत्वाकांक्षी मध्याह्न भोजन योजना के लिए खाद्यान्न आपूर्ति की प्रक्रिया में प्राप्त बारदाने की दर 10 रुपये प्रति नग तय की गई थी। यहां यह बताना जरूरी है कि राज्य शिक्षा विभाग अपने हालिया कारनामों को लेकर लगातार सुर्खियों में बना हुआ है। चाहे वह शिक्षक भर्ती नीति में बदलाव हो या शिक्षकों और छात्रों की उपस्थिति का आदेश हो।