सिर्फ प्रदूषण रोकने के लिए ही नहीं, इस वजह से भी डिवाइडर पर लगाए जाते हैं पेड़ पौधे

Kulgam: Security personnel stand guard during an encounter with militants, in Kulgam, Thursday, Nov. 16, 2023. (PTI Photo) 
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Kulgam: Security personnel stand guard during an encounter with militants, in Kulgam, Thursday, Nov. 16, 2023. (PTI Photo) (PTI11_16_2023_000303B)
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कोलकाता: नेशनल हाईवे पर लाखों गाड़ियां प्रतिदिन चलती है। इस दौरान शहर की सड़कों पर ज्यादातर समय सड़क के बीच में पौधे देखते हैं। इन पौधों को लगाने के पीछे की वजह केवल प्रदुषण कम करना ही नहीं है। इसके अलावा इसका एक और उद्देश्य है। वह सुरक्षा से संबंधित है। दरअसल, रात में गाड़ी चलाते समय, एक तरफ की गाड़ी की हेडलाइट की रोशनी दूसरी तरफ की गाड़ी के चालक की दृष्टि को बाधित कर सकती है। इससे दुर्घटना का खतरा बढ़ सकता है। सड़कों के बीच में पौधे लगाने से यह खतरा कम हो जाता है। पौधे हेडलाइट की रोशनी को रोक लेती हैं, जिससे दूसरी तरफ के ड्राइवर को ड्राइविंग के समय देखने में समस्या नहीं होती है।

डिवाइडर पर लगाए जाते हैं पेड़-पौधे

सड़के बनाते समय बीच में खाली जगहों को छोड़ दिया जाता है, जिसे झाड़ियों और पौधों से सजाया जाता है, जो ऐसा लगता है कि यह सिर्फ सुंदरता बढ़ाने के लिए करते हैं, लेकिन असल में ऐसा नहीं है। यह न सिर्फ सुंदरता बढ़ाने में बल्कि आंखों और मस्तिष्क पर इसके सुखद प्रभाव से भी संबंधित है। ऐसा माना जाता है कि हरा रंग ठंडक का अहसास कराता है, जिससे ड्राइवरों और यात्रियों को समान रूप से राहत मिलती है। हाईवे के किनारे जानबूझकर हरे-भरे पेड़ लगाए जाते हैं। इससे यात्रियों के लिए शांत वातावरण बनाए रखने का प्रयास किया जाता है।

तेज रोशनी की वजह से बढ़ता है खतरा

हाई बीम का उपयोग करते समय यह खतरा और भी बढ़ जाता है। हाई बीम की रोशनी बहुत तेज होती है और इससे दूसरी तरफ के ड्राइवर की दृष्टि पूरी तरह से ढक सकती है। सड़कों के बीच में पौधे लगाने से हाई बीम की रोशनी को भी कम किया जा सकता है। इसलिए, सड़कों के बीच में पौधे लगाने का मुख्य उद्देश्य सुरक्षा है। ये पौधे दुर्घटनाओं को रोकने में मदद करते हैं और सड़कों पर सुरक्षित ड्राइविंग को बढ़ावा देते हैं।

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