चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार कोविड रोधी टीके बनाने वालों को | Sanmarg

चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार कोविड रोधी टीके बनाने वालों को

स्टाकहोम : इस बार चिकित्सा क्षेत्र का पुरस्कार काटालिन कारिको और ड्रयू वीसमैन को कोविड-19 से लड़ने के लिए एमआरएनए टीकों के विकास से संबंधित उनकी खोजों के लिए प्रदान किया जाएगा। कारिको हंगरी स्थित सेगेन्स यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं, वहीं पेनसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी में भी पढ़ाते हैं। वीसमैन ने पेनसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी में कारिको के साथ यह अनुसंधान किया। हालांकि पूरी दुनिया में कोरोना रोधी सबसे सफल टीके भारतीय वैज्ञानिकों के रहे हैं, पर पुरस्कार विदेशियों को दिया गया।

नोबेल असेंबली के सचिव थॉमस पर्लमैन ने पुरस्कार की घोषणा की। पुरस्कार समिति ने कहा, ‘अपने अभूतपूर्व अनुसंधान के माध्यम से, जिसने एमआरएनए और हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली के संपर्क को लेकर हमारी समझ को मौलिक रूप से बदल दिया है, पुरस्कार विजेताओं ने कोरोना रोधी टीके के विकास में अभूतपूर्व योगदान दिया।’

शरीर क्रिया विज्ञान या चिकित्सा क्षेत्र में पिछले साल का नोबेल पुरस्कार स्वीडिश वैज्ञानिक स्वांते पाबो को मानव विकास की उन खोजों के लिए प्रदान किया गया था, जिन्होंने निएंडरथाल डीएनए के रहस्यों को उजागर किया था। इससे कोविड-19 के प्रति हमारी संवेदनशीलता सहित हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी मिली। इससे पहले पाबो के पिता सुन बर्गस्ट्रोम को 1982 में चिकित्सा क्षेत्र का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया था।

10 लाख डॉलर का इनाम

नोबेल पुरस्कार में 1.1 करोड़ स्वीडिश क्रोनर (10 लाख डॉलर) का नकद इनाम दिया जाता है। यह धन पुरस्कार के संस्थापक स्वीडिश नागरिक अल्फ्रेड नोबेल की संपत्ति में से दिया जाता है जिनका 1896 में निधन हो गया था।

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