जल्द होगा निपाह वायरस का इलाज, ऑस्ट्रेलिया से मंगवाई जाएगी एंटीबॉडी

जल्द होगा निपाह वायरस का इलाज, ऑस्ट्रेलिया से मंगवाई जाएगी एंटीबॉडी
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नई दिल्ली: केरल में निपाह वायरस के संक्रमित मरीज मिलने के बाद से सरकार अलर्ट मोड पर है। कोझिकोड जिले में इससे पहले 14-15 सितंबर तक स्कूलों को बंद करने का आदेश जारी हुआ था। इस वायरस में बांग्लादेशी वेरिएंट मिलने के कारण बड़ी चिंता की वजह मानी जा रही है। वहीं, ICMR ने भी इसे लेकर चेतावनी जारी की है।

मोनोक्लोनर एंटीबॉडी मंगवाई जाएगी

निपाह वायरस के संक्रमण को जल्द से जल्द खत्म करने के लिए ICMR (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) ने कहा है कि ऑस्ट्रेलिया से मोनोक्लोनर एंटीबॉडी के 20 और डोज मंगवाए जाएंगे। ICMR के अनुसार इससे बचने के लिए दी जाने वाली मोनोक्लोनल एंटीबॉडी केवल 10 मरीजों के लिए बची है। इस एंटीबॉडी की 20 खुराक और मंगाई जाएगी, ताकि संक्रमण की शुरुआत में ही इसे रोका जा सके। अभी केरल में निपाह से कुल 6 मरीज संक्रमित बताए जा रहे हैं। चिंता की बात यह है कि इस वायरस से मृत्यु दर 40-70% है। जो कि कोविड से मरने वालों की तुलना में ज्यादा माना जाना रहा है। आपको बता दें कि कोरोना से मृत्यु दर 2-3% है। यह बात ICMR ने कही है।

कहां से हुई निपाह वायरस की शुरुआत?

WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) के अनुसार साल 1998 में मलेशिया के सुंगई निपाह गांव NiV के बारे में सबसे पहले पता चला। उस समय इसे निपाह नाम दिया गया। माना जाता है कि जब कोई जानवर या इंसान चमगादड़ों के झूठे फलों या सब्जियों को खाता है तो उसके निपाह से संक्रमित होने की संभावना बढ़ जाती है। वैसे यह वायरस क्यों फैलता इसकी वजह अभी तक साफ नहीं हो पाई है।

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