विश्व मौसम संगठन की चेतावनी
नयी दिल्ली : बीते साल 2024 का रिकॉर्ड तोड़ने वाला तापमान नये साल 2025 में भी जारी रहेगा जिसका मतलब है कि 2025 दुनिया के सबसे अधिक गर्म तीन साल में से एक हो सकता है और।
विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) ने इस रिकॉर्ड तोड़ गर्मी के लिए ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को बड़ी वजह बताया है। संगठन का कहना है कि ग्रीनहाउस गैस स्तर रिकॉर्ड ऊंचाई तक बढ़ रहा है। इससे भविष्य में और भी अधिक गर्मी पड़ने की संभावना है। यूके मौसम कार्यालय के दृष्टिकोण में यह चेतावनी शामिल है जो बताता है कि यह वैश्विक औसत (ग्लोबल एवरेज) तापमान के लिए तीन सबसे गर्म वर्षों में से एक होने की संभावना है। नया साल 2024 और 2023 के ठीक पीछे होगा।
2023 में पड़ी रिकॉर्ड गर्मी
डब्ल्यूएमओ का हालांकि पूर्वानुमान है कि 2024 रिकॉर्ड पर सबसे गर्म साल होगा। यह अब लगभग तय है कि पहली बार पेरिस समझौते की सीमा 1.5 डिग्री सेल्सियस से अधिक होगी। यह पूर्व-औद्योगिक (1850-1900) के स्तर से ऊपर है। यह 2023 में रिकॉर्ड तोड़ 1.45 डिग्री सेल्सियस के बाद है, जो कि रिकॉर्ड पर सबसे गर्म साल था। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने अपने नये साल के संदेश में कहा कि मैं आधिकारिक तौर पर रिपोर्ट कर सकता हूं कि हमने अभी-अभी जानलेवा गर्मी का एक दशक झेला है। रिकॉर्ड पर शीर्ष दस सबसे गर्म साल पिछले दस सालों में हुए हैं, जिसमें 2024 भी शामिल है।
सबसे गर्म दशक
डब्लूएमओ के इस अवलोकन का उल्लेख करते हुए कि 2015-2024 रिकॉर्ड पर सबसे गर्म दस साल होंगे। गुटेरेस ने कहा कि यह वास्तविक समय में जलवायु का टूटना है। हमें बर्बादी की इस राह से बाहर निकलना होगा और हमारे पास खोने के लिए समय नहीं है। नये साल (2025) में देशों को उत्सर्जन में नाटकीय रूप से कमी करके और नवीकरणीय भविष्य की ओर संक्रमण का समर्थन करके दुनिया को सुरक्षित रास्ते पर लाना होगा। डब्लूएमओ ने अत्यधिक गर्मी के जोखिमों से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने की बढ़ती आवश्यकता पर भी जोर दिया।
तापमान तस्वीर का केवल एक हिस्सा
वर्ल्ड वेदर एट्रिब्यूशन और क्लाइमेट सेंट्रल की एक नयी रिपोर्ट का उल्लेख किया है जिसमें कहा गया है कि गर्मी का एक डिग्री का हर अंश मायने रखता है और जलवायु चरम सीमाओं, प्रभावों और जोखिमों को बढ़ाता है। डब्ल्यूएमओ महासचिव सेलेस्टे साउलो ने कहा कि तापमान तस्वीर का केवल एक हिस्सा है। जलवायु परिवर्तन चरम मौसम की घटनाओं की बढ़ती घटनाओं और प्रभावों के रूप में लगभग दैनिक आधार पर हमारी आंखों के सामने होता है।
हताश होने की जरूरत नहीं!
हालांकि वैश्विक मौसम निकाय ने बार-बार कहा है कि एक या एक से अधिक वर्षों में 1.5 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान का मतलब यह नहीं है कि पेरिस समझौते में बताये गये ‘पूर्व-औद्योगिक स्तरों से 1.5 डिग्री सेल्सियस अधिक तापमान वृद्धि को सीमित करने के प्रयासों को जारी रखना’ पहुंच से बाहर है। पेरिस समझौते में उल्लिखित तापमान वृद्धि के स्तर के बढ़ने को एक विस्तारित अवधि, आमतौर पर दशकों या उससे अधिक समय तक के बढ़ने के रूप में समझा जाना चाहिए।