
कोहिमा : नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से अनुरोध किया है कि वे असम राइफल्स द्वारा वर्तमान में कब्जा की गयी 18.8 एकड़ भूमि को खाली कराने के लिए कार्रवाई करें, क्योंकि इस भूमि का उपयोग दीमापुर हवाई अड्डे के विस्तार के लिए किया जाएगा।नागालैंड सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि असम राइफल्स को पहले ही चुमौकेदिमा जिले के शोखुवी गांव में वैकल्पिक भूमि आवंटित की जा चुकी है, जहां एक नया प्रशिक्षण केंद्र और स्कूल स्थापित किया गया है और अब पूरी तरह से चालू है। अधिकारी ने कहा, ‘इन सकारात्मक विकासों के बावजूद असम राइफल्स के कब्जे वाली 147 एकड़ में से 18.8 एकड़ जमीन हस्तांतरित नहीं की गयी है, जिससे महत्वपूर्ण हवाई अड्डे के बुनियादी ढांचे के काम और दीमापुर हवाई अड्डे के विस्तार में देर हो रही है।’ केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने दीमापुर हवाई अड्डे के चरण-I विस्तार योजना का समर्थन करते हुए अपने कब्जे वाली 8.4 एकड़ जमीन खाली कर दी है। अधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने गृह मंत्रालय से तत्काल निर्देश देने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री से अनुरोध किया है, ताकि हस्तांतरण की सुविधा हो और विकास कार्यों की समय पर शुरुआत सुनिश्चित हो सके। शाह को लिखे अपने पत्र में मुख्यमंत्री ने कहा कि भूमि की कमी के कारण दीमापुर हवाई अड्डे का विस्तार करने में असमर्थता गंभीर परिचालन और सुरक्षा संबंधी चिंताएं पैदा कर रही है। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के चरणबद्ध विकास के मास्टर प्लान को लंबित भूमि हस्तांतरण के कारण चरण I में भी बाधा उत्पन्न हुई है। मुख्यमंत्री के पत्र में कहा गया है, ‘राज्य सरकार और सीआरपीएफ ने आवश्यक भूमि खाली कर और सौंपकर अपना काम किया है। असम राइफल्स के पास पहले से ही शोखुवी में पूरी तरह कार्यात्मक सुविधा है, जिससे मौजूदा भूमि को बनाए रखने की आवश्यकता समाप्त हो गयी है। कई बार प्रतिनिधित्व किया गया है, फिर भी भूमि हस्तांतरण के लिए अनुमोदन अभी भी लंबित है।’
अधिकारी ने कहा कि 1 जुलाई को नयी दिल्ली में गृह मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव (पुलिस) अभिजीत सिन्हा की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई। यह बैठक मुख्यमंत्री और नागालैंड के मुख्य सचिव डॉ. जे आलम द्वारा इस मुद्दे को सुलझाने के लिए किए गए निरंतर प्रयासों का प्रत्यक्ष परिणाम थी। मुख्य सचिव ने केंद्रीय गृह सचिव को भी पत्र लिखकर राज्य की स्थिति दोहराई। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस मुद्दे को सुलझाने के लिए असम राइफल्स के साथ कई बैठकें की गयी हैं। हालांकि, बार-बार आश्वासन और अनुस्मारक के बावजूद जमीन खाली नहीं की गयी है। जे आलम ने आगे कहा कि असम राइफल्स ने गृह मंत्रालय के निर्देश और संरचनात्मक मुआवजे के अधीन जमीन खाली करने की इच्छा व्यक्त की है, लेकिन चूंकि यह दो केंद्रीय सरकारी संस्थाओं (असम राइफल्स और एएआई) के बीच एक बुक ट्रांसफर है, इसलिए संरचनात्मक मुआवजा लागू नहीं है और हस्तांतरण ‘जैसा है-जहां है’ के आधार पर किया जा सकता है। अधिकारी ने कहा, ‘दीमापुर हवाई अड्डा नागालैंड का एकमात्र हवाई अड्डा है, जो इस क्षेत्र को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके सामरिक महत्व और बढ़ते यात्री यातायात के बावजूद लंबे समय से चल रहे भूमि संबंधी मुद्दों के कारण विस्तार के प्रयास गंभीर रूप से बाधित रहे हैं।’