National Voters Day 2024: क्या हैं मतदाता के अधिकार ? क्‍यों मनाया जाता है वोटर्स डे ?

National Voters Day 2024: क्या हैं मतदाता के अधिकार ? क्‍यों मनाया जाता है वोटर्स डे ?
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नई दिल्ली: आज यानी 25 जनवरी को राष्‍ट्रीय मतदाता दिवस (National Voters Day) है। 25 जनवरी साल 1950 को भारत के चुनाव आयोग की स्‍थापना हुई थी और इसके अगले दिन यानी 26 जनवरी को संविधान लागू करके गणतंत्र दिवस मनाया गया था। हालांकि वोटर्स डे की शुरुआत साल 2011 में हुई थी। साल 2011 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने पहली बार 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया था और तब से ये दिन हर साल सेलिब्रेट किया जाने लगा।

वोट देने वाले मतदाताओं को यह जागरुक करने का दिन है। इस दिन युवाओं को वोट की ताकत और उपयोगिता के बारे में बताया जाता है, ताकि उन्‍हें चुनावी प्रक्रिया में हिस्‍सा लेने के लिए प्रोत्‍साहित किया जा सके। इस दिन अलग-अलग कैंप लगाए जाते हैं और फर्स्ट टाइम वोटर्स को उनका मतदाता फोटो पहचान पत्र दिया जाता है।

किसको है वोट देने का हक

भारतीय संविधान के मुताबिक 18 साल से ऊपर के लोग जिन्होंने खुद को वोटर के रूप में रजिस्‍टर्ड किया हुआ है उन्हें वोट देने का अधिकार है। ये लोग राष्ट्रीय, राज्य, जिला स्तर पर होने वाले चुनावों के साथ स्थानीय सरकारी निकायों के चुनावों में भी वोट देने का अधिकार रखते हैं। जब तक कोई व्‍यक्ति वोट न देने के मापदंडों में न आता हो, तब तक उससे मतदान करने का हक कोई नहीं छीन सकता। लेकिन इसके लिए व्‍यक्ति को अपने निवास स्‍थान पर ही खुद को रजिस्‍टर्ड कराना होगा। साथ ही मतदाता अपने रजिस्टर्ड इलाके में ही मतदान कर सकता है।

मतदाताओं के अधिकार

सभी म‍तदाताओं को चुनाव में हिस्‍सा लेने वाले सभी प्रत्‍याशियों की जानकारी लेने का पूरा अधिकार होता है। इस अधिकार के जरिए कोई भी व्यक्ति प्रत्याशियों के चुनाव घोषणा पत्र की जानकारी, उनका वित्तीय लेखा-जोखा और आपराधिक पृष्ठभूमि के बारे में जान सकता है।

वोटर अगर किसी प्रत्‍याशी को वोट देने लायक नहीं समझता तो उसे किसी को वोट न देने का भी अधिकार है। ऐसे में वो नोटा के जरिए चुनाव में उतरे किसी भी प्रत्‍याशी को न चुनने के अधिकार का इस्‍तेमाल कर सकता है।

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