Nagastra-1: दुश्मन के घर में होगी एयर स्ट्राइक, भारतीय सेना को मिला स्वदेशी आत्मघाती ड्रोन

नागास्त्र के ट्रायल के समय की तस्वीर ( फोटोः सोलार इंडस्ट्रीज)
नागास्त्र के ट्रायल के समय की तस्वीर ( फोटोः सोलार इंडस्ट्रीज)
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नई दिल्ली: भारतीय सेना की ताकत अब और बढ़ने जा रही है। सेना को स्वदेशी आत्मघाती ड्रोन नागास्त्र-1 (Nagastra-1) की पहली खेप मिल गई है। इसमें 120 ड्रोन्स हैं। ये ड्रोन्स दुश्मन के बंकर, पोस्ट, हथियार डिपो को खत्म कर देगा। आत्मघाती ड्रोन्स को सेना लॉयटरिंग म्यूनिशन कहती है। आसान भाषा में कहे तो सुसाइड ड्रोन्स।

इसे बनाया है इकोनॉमिक्स एक्सप्लोसिव लिमिटेड कंपनी और जेड मोशन ऑटोनॉमस सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड ने। दोनों कंपनियां सोलार इंडस्ट्रीज की सब्सडियरी हैं। माना जा रहा है कि सेना को कुल मिलाकर 450 नागास्त्र दिए जाएंगे। इसके परीक्षण चीन सीमा के पास लद्दाख की नुब्रा घाटी में किए गए हैं। यानी भविष्य में सर्जिकल स्ट्राइक के लिए फाइटर जेट्स की जरूरत नहीं है।

कैसे काम करता है ये ड्रोन ?

इन ड्रोन्स को चुपके से कम आवाज और कम नजर आने वाली तकनीक की मदद से दुश्मन के घर में घुसकर हमला करवाया जा सकता है। इस हथियार के दो वैरिएंट्स हैं। नागास्त्र के दोनों वैरिएंट 60 से 90 मिनट तक उड़ान भर सकते हैं। इसकी ऑपरेशनल रेंज 15 KM है।

1 से 4 kg वजन के हथियार लेकर भरता है उड़ान

परीक्षण के दौरान दुनिया में यह पहली बार हुआ था कि जब 1 से लेकर 4 KG वॉरहेड के साथ किसी मैन-पोर्टेबल लॉयटर म्यूनिशन का सफल ट्रायल हुआ था। यह ड्रोन 4500 मीटर ऊपर उड़ान भरते हुए सीधे दुश्मन के टैंक, बंकर, बख्तरबंद वाहनों, हथियार डिपो या सैन्य समूहों पर घातक हमला कर सकता है।

60 से 90 मिनट तक की उड़ान क्षमता

नागास्त्र फिक्स्ड विंग्स ड्रोन हैं। जिसके पेट में विस्फोटक रख कर दुश्मन के अड्डे पर हमला बोला जा सकता है। इसके वैरिएंट्स को ट्राईपॉड या हाथों से उड़ा सकते हैं। इसका वजन 6 KG है। यह एक बार में 60 मिनट उड़ सकता है। ऑपरेशनल रेंज दो हिस्सों में बंटी है। 15 किलोमीटर वीडियो लिंक रेंज है।

हमले के दौरान रीयल टाइम वीडियो बनाता है

45 KM जीपीएस टारगेट रेंज है। इसमें एक kg वजन का वॉरहेड लोड किया जा सकता है। इसके विस्फोट से 20 मीटर का इलाका खत्म हो सकता है। इसमें रीयल टाइम वीडियो बनता है। सर्विलांस और हमला करने में सक्षम। दूसरा वैरिएंट मैन-पोर्टेबल है। इसे दो सैनिक मिलकर ढो सकते हैं। इसमें 4 KG विस्फोटक लगा सकते हैं।

दिन-रात दोनों में काम करने लायक सुसाइड ड्रोन

दूसरा वैरिएंट टैंक, बख्तरबंद और एंटी-पर्सनल हमले के काम आ सकता है। यह पोर्टेबल न्यूमैटिक लॉन्चर के जरिए उड़ता है। इसके तीन मोड्स आते हैं। इसमें ड्यूल सेंसर लगे हैं, जो दिन-रात में काम करते हैं। इसका वजन 11 KG है। यह 90 मिनट तक उड़ान भरने में सक्षम है। वीडियो लिंक रेंज 25 KM है।

इजरायल और पोलैंड के हथियारों से सस्ता

जीपीएस टारगेट रेंज 60 KM है। यह हथियार इजरायल और पोलैंड से आयात किए गए हवाई हथियारों से करीब 40 फीसदी सस्ता पड़ेगा। दो साल पहले ही सोलार इंडस्ट्रीज ने जेड मोशन ऑटोनॉमस सिस्टम्स में 45% का इक्विटी स्टेक लिया है। इससे सोलार कंपनी को मानवरहित एरियल व्हीकल (UAV) बनाने का मौका मिला।

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