नागालैंड विश्वविद्यालय ने स्नातकोत्तर छात्रों के लिए ग्रामीण विकास पाठ्यक्रम शुरू किया

20 जुलाई तक कर सकते हैं आवेदन
नागालैंड विश्वविद्यालय ने स्नातकोत्तर छात्रों के लिए ग्रामीण विकास पाठ्यक्रम शुरू किया
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कोहिमा : नागालैंड विश्वविद्यालय ने ग्रामीण विकास और प्रबंधन में एक स्नातकोत्तर कार्यक्रम शुरू किया है, जिसका उद्देश्य पेशेवरों का एक कैडर तैयार करना है।

अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि छात्रों को ग्रामीण क्षेत्रों, विशेष रूप से नागालैंड और पूर्वोत्तर क्षेत्र में चुनौतियों और अवसरों का सामना करने के लिए तैयार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के स्नातकों के पास संबंधित क्षेत्रों के अलावा सरकारी, गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ), शिक्षा और उद्यमिता में मजबूत करियर के रास्ते होंगे। नागालैंड विश्वविद्यालय के कुलपति जगदीश पटनायक के अनुसार, नागालैंड की 70 प्रतिशत से अधिक आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है, इसलिए नियोजित ग्रामीण परिवर्तन का महत्व पहले कभी इतना महत्वपूर्ण नहीं रहा। उन्होंने कहा. ‘ये नए कार्यक्रम छात्रों को ग्रामीण अर्थव्यवस्था, शासन, सामाजिक गतिशीलता, प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन और विकास योजनाओं की योजना और क्रियान्वयन की गहन समझ प्रदान करेंगे। ग्रामीण विकास और योजना विभाग के तहत शुरू किए जा रहे इस कार्यक्रम को 40वीं अकादमिक परिषद की बैठक में मंजूरी दी गयी है। इसमें 20 छात्रों का प्रवेश होगा।’ आवेदन 20 जुलाई तक खुले रहेंगे। गैर-सीयूईटी उम्मीदवारों के लिए प्रवेश परीक्षा (पीजी) 28 जुलाई, 2025 को आयोजित की जाएगी। पटनायक ने कहा, ‘यह कार्यक्रम शैक्षणिक उत्कृष्टता को बढ़ावा देने और ग्रामीण एवं आदिवासी समुदायों की महत्वपूर्ण विकासात्मक आवश्यकताओं को पूरा करने की हमारी प्रतिबद्धता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।’ पटनायक ने कहा, ‘सिद्धांत को व्यावहारिक जुड़ाव के साथ एकीकृत कर यह पाठ्यक्रम पेशेवरों और परिवर्तनकर्ताओं का एक समर्पित कैडर तैयार करने के लिए तैयार किया गया है, जो नागालैंड और उसके बाहर ग्रामीण विकास, शासन और सतत आजीविका पहल में सार्थक योगदान दे सकें।’


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