

नई दिल्ली : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने राज्यसभा के सदस्यों से संसदीय बहस एवं विमर्श की परंपराओं को बनाए रखने और राष्ट्र हित एवं सुरक्षा को दलगत हितों से ऊपर रखने का संकल्प लेने की अपील की।
जगदीप धनखड़ ने राज्यसभा के सत्र की शुरुआत होने की 73वीं वर्षगांठ पर मंगलवार को सभी सांसदों को लिखे अपने पत्र में कहा, ‘वास्तव में यह हम सभी के लिए गर्व का क्षण है कि राज्यसभा ने दशकों से सार्वजनिक मुद्दों को उठाने और राष्ट्रीय विमर्श को दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।’ धनखड़ राज्यसभा के सभापति भी हैं। उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण बात यह है कि यह अवसर हमारे गणतंत्र के 75वें वर्ष से मेल खाता है।
उन्होंने कहा, ‘यह संविधान सभा के सदस्यों द्वारा विमर्श के संबंध में स्थापित किए गए अनुकरणीय मानदंडों को याद करने का भी अवसर है।’ सभापति ने अपने पत्र में सदस्यों से कहा, ‘इस अवसर पर मैं आप सभी को शुभकामनाएं देता हूं। मैं सभी से संसदीय बहस और विमर्श की परंपराओं को कायम रखने की अपील करता हूं, ताकि हमारे लोगों को प्रेरणा और प्रोत्साहन मिल सके।’