मोदी 6 जून को करेंगे कश्मीर रेल संपर्क का उद्घाटन

चिनाब रेल पुल को जनता को समर्पित कर दौरे की करेंगे शुरुआत
दुनिया का सबसे ऊंचा रेल का चिनाब पुल
दुनिया का सबसे ऊंचा रेल का चिनाब पुल
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जम्मू (जे के ब्यूरो) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस सप्ताह के अंत में बहुप्रतीक्षित कश्मीर रेल परियोजना का उद्घाटन करेंगे, जो क्षेत्र की कनेक्टिविटी में एक मील का पत्थर साबित होगा। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद मोदी पहली बार जम्मू-कश्मीर जाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी 6 जून को चिनाब रेल पुल को जनता को समर्पित कर अपने दौरे की शुरुआत करेंगे। चिनाब रेल पुल 272 किलोमीटर लंबे उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेलवे लिंक (यूएसबीआरएल) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और यह कश्मीर घाटी को सीधा रेल संपर्क प्रदान करेगा। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘इतिहास बनने में बस तीन दिन बाकी हैं! दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल, चिनाब पुल, जम्मू-कश्मीर में बनकर तैयार है। प्रधानमंत्री 6 जून को चिनाब पुल का उद्घाटन करेंगे। नये भारत की शक्ति और दूरदर्शिता का गौरवपूर्ण प्रतीक।’ अधिकारियों ने बताया कि चिनाब पुल का उद्घाटन करने के बाद मोदी संभवतः ट्रेन से कटरा जाएंगे और रास्ते में अंजी खड्ड पर बने भारत के पहले केबल पुल का निरीक्षण करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री इस परियोजना से जुड़े सेवानिवृत्त कर्मचारियों सहित रेलवे के इंजीनियरों से बातचीत भी करेंगे।

ट्रेनों को दिखाएंगे हरी झंडी

प्रधानमंत्री शुक्रवार को कटरा से उत्तरी कश्मीर के बारामूला तक वंदे भारत ट्रेन और बारामूला से कटरा तक एक अन्य ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे। कटरा को माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए आधार शिविर के रूप में जाना जाता है। हालांकि, अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि कश्मीर आने-जाने वाले सभी यात्रियों को कटरा में उतरना होगा और ट्रेन बदलनी होगी। उद्घाटन के बाद मोदी एक जनसभा को संबोधित भी करेंगे। कश्मीर को रेल मार्ग से जोड़ने की परियोजना पर काम 1997 में शुरू हुआ था तथा भूवैज्ञानिक, स्थलाकृतिक तथा मौसम संबंधी चुनौतियों के कारण इस परियोजना के पूरे होने की समय सीमा कई बार बढ़ाई गयी। इसके कारण परियोजना की लागत बढ़ गयी और इसे पूरा करने में 41,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आई। कुल 272 किलोमीटर लंबी यूएसबीआरएल परियोजना में से 209 किलोमीटर का कार्य चरणों में पूरा किया गया, जिसमें 118 किलोमीटर का काजीगुंड-बारामूला खंड का पहला चरण अक्टूबर 2009 में पूरा हुआ, इसके बाद 18 किलोमीटर का बनिहाल-काजीगुंड खंड जून 2013 में, 25 किलोमीटर का उधमपुर-कटरा खंड जुलाई 2014 में तथा 48.1 किलोमीटर का बनिहाल-संगलदान खंड पिछले वर्ष फरवरी में पूरा हुआ। रेलवे के अधिकारियों के अनुसार, 119 किलोमीटर लंबा ट्रैक सुरंगों से होकर गुजरता है और यात्रियों की सुरक्षा के लिए इसे पूरी तरह सीसीटीवी निगरानी से लैस किया गया है। रेलवे के एक अधिकारी ने कहा, ‘ट्रैक के हर इंच पर नजर रखी जा रही है।’

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