श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शनिवार को कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा कारणों से बंद किए गए पर्यटक स्थलों के पार्कों को चरणबद्ध तरीके से फिर से खोला जा रहा है, ताकि पर्यटक उन स्थलों पर घूम सकें। कश्मीर व जम्मू के संभागीय आयुक्तों व पुलिस महानिरीक्षकों ने हर जिले से रिपोर्ट ली है और चरणबद्ध तरीके से कुछ स्थलों को फिर से खोलने का फैसला किया गया है। उपराज्यपाल दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में वार्षिक अमरनाथ यात्रा के नुनवान आधार शिविर का दौरा करने के बाद पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे।
पहले चरण में खुलेंगे ये स्थल
सिन्हा ने बताया कि पहले चरण में जिन स्थलों को पर्यटकों के लिए फिर से खोलने का फैसला किया गया है, उनमें पहलगाम के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल बेताब घाटी और पहलगाम बाजार के पास के पार्क, अनंतनाग जिले के वेरीनाग, कोकरनाग और अचबल उद्यान शामिल हैं। श्रीनगर में बादामवारी पार्क, निगीन के पास डक पार्क और हजरतबल के पास तकदीर पार्क को भी पहले चरण में फिर से खोला जाएगा। इन 8 स्थानों को फिर से खोला जा रहा है और पर्यटक इन जगहों पर जा सकते हैं। जम्मू क्षेत्र में भी आठ स्थलों को फिर से खोला जाएगा।
पहलगाम हमले में मारे गए खच्चर चालक की पत्नी को नियुक्ति पत्र सौंपा :
इससे पहले उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने अनंतनाग जिले के पहलगाम के हपटनार स्थित पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए खच्चर चालक आदिल शाह के घर पहुंचे और शहीद की पत्नी गुलनाज अख्तर को सरकारी नौकरी का नियुक्ति पत्र सौंपा। उन्होंने कहा कि गुलनाज अख्तर को अनंतनाग में मत्स्य विभाग में स्थायी नौकरी दी गई है। यह उनके पति की बहादुरी के प्रति प्रशासन की कृतज्ञता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि सरकार पहले ही आदिल शाह के परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान कर चुकी है। कश्मीर की बैसरन घाटी में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में आदिल शाह समेत 26 लोग मारे गए थे। इसके बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत छह मई की देर रात सैन्य कार्रवाई कर पाकिस्तान और इसके अवैध कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में स्थित आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था। बाद में, दोनों देशों के बीच सैन्य संघर्ष छिड़ गया था जिसमें भारत ने पाकिस्तान के कई ठिकानों पर सटीक हमले किए। इसके बाद, 10 मई को दोनों देशों के बीच संघर्ष रोकने पर सहमति बनी थी।