नई दिल्ली - प्रयागराज में अभिनेत्री ममता कुलकर्णी ने संन्यास की दीक्षा ली थी। संन्यास लेने के बाद ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़े में महामंडलेश्वर बनाया गया था जिसका जमकर विरोध हुआ और इस वजह से किन्नर अखाड़े में बड़ी कलह शुरू हो गई। अब ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर पद से और लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को आचार्य महामंडलेश्वर पद से हटा दिया गय है। दोनों को किन्नर अखाड़े से निष्कासित कर दिया है। किन्नर अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास ने ये कार्रवाई की है।
नए महामंडलेश्वर का भी ऐलान किया जाएगा
किन्नर अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास ने यह ऐलान किया है कि अब एक नए सिरे से किन्नर अखाड़े का पुनर्गठन होगा। इसके साथ ही किन्नर अखाड़े के नए आचार्य महामंडलेश्वर का भी ऐलान किया जाएगा। आपको बता दें कि ममता को किन्नर अखाड़े का महामंडलेश्वर बनाए जाने के बाद से ही विवाद जारी था। विवाद इस बात को लेकर हो रहा था कि एक स्त्री को किन्नर अखाड़े का महामंडलेश्वर कैसे बनाया जा सकता है।
लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने दिया था अवसर
कुछ दिन पहले ही ममता कुलकर्णी ने प्रयागराज के महाकुंभ में अपना पिंडदान किया था। इसके साथ उन्होंने संन्यास अपना लिया था। इन सब के बाद एक भव्य पट्टाभिषेक कार्यक्रम में उन्हें महामंडलेश्वर बनाया गया था। उनका नाम बदल कर श्री यामाई ममता नंद गिरि रखा गया था।
उनके महामंडलेश्वर बनने को लेकर विवाद पर उन्होंने कहा था कि लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने उनके 23 साल की तपस्या को समझा था। उनकी परीक्षा ली जिसमें वो उत्तीर्ण हो गई थी। इसके बाद उन्हें महामंडलेश्वर बनने का मौका मिला था। उन्होंने यह भी कहा था कि वह बॉलीवुड में वापस नहीं जाएंगी।