

मुंबई : महाराष्ट्र की एक अदालत ने राष्ट्रपति पदक से सम्मानित पूर्व पुलिसकर्मी अभय कुरुंदकर को सहायक पुलिस निरीक्षक (एपीआई) अश्विनी बिद्रे-गोर की 2016 में हत्या करने के जुर्म में सोमवार को आजीवन कारावास की सजा सुनायी। अभय कुरुंदकर के अश्विनी बिद्रे-गोर के साथ विवाहेतर संबंध थे। अतिरिक्त सत्र अदालत (पनवेल) के न्यायाधीश के जी पालदेवर ने पिछले महीने कुरुंदकर को भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत हत्या और अन्य अपराधों के लिए दोषी ठहराया था। कुरुंदकर के सहयोगियों- कुंदन भंडारी और महेश फलाणीकर को सबूत नष्ट करने का दोषी ठहराया गया तथा उन्हें 7 साल जेल की सजा सुनाई गयी। नवी मुंबई पुलिस के मानवाधिकार प्रकोष्ठ की 37 वर्षीया सहायक पुलिस निरीक्षक अश्विनी बिद्रे-गोर 11 अप्रैल, 2016 को लापता हो गयी थीं। पुलिस ने शुरू में अभय कुरुंदकर, उनके ड्राइवर भंडारी और उनके दोस्तों ज्ञानदेव पाटिल तथा फलाणीकर के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज किया था। विस्तृत जांच के बाद प्राथमिकी में हत्या का आरोप जोड़ा गया। पाटिल को इस मामले में बाद में बरी कर दिया गया था। पुलिस का कहना है कि कुरुंदकर के बिद्रे-गोरे के साथ विवाहेतर संबंध थे।