एलडीएफ और यूडीएफ की सरकारों ने ‘तुष्टिकरण की राजनीति’ की : शाह

गृह मंत्री ने लगाया आरोप
एलडीएफ और यूडीएफ की सरकारों ने ‘तुष्टिकरण की राजनीति’ की : शाह
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तिरुवनंतपुरम : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नीत वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) और विपक्षी कांग्रेस नीत संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) दोनों पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि दोनों मोर्चे की सरकारों ने केवल भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया, तुष्टिकरण की राजनीति की और केरल को ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ (पीएफआई) जैसी ‘राष्ट्र-विरोधी ताकतों’ के लिए पनाहगाह बना दिया।

अमित शाह ने यहां पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि केवल भाजपा नीत राजग ही राज्य में विकास ला सकता है, न कि एलडीएफ या यूडीएफ। उन्होंने कहा कि दक्षिणी राज्यों के विकास के बिना ‘विकसित भारत’ संभव नहीं है और ‘विकसित भारत’ का मार्ग केवल ‘विकसित केरलम’ से होकर जाता है। शाह ने रेखांकित किया, ‘इसलिए, अब से भाजपा का मूल उद्देश्य ‘विकसित केरलम’ होगा।’ केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि भाजपा के लिए केरल में मुख्यमंत्री होने से ज्यादा जरूरी यह सुनिश्चित करना है कि राज्य में पार्टी कार्यालय ‘विकसित केरलम’ का केंद्र बने। शाह ने पार्टी के ‘विकसित केरलम’ मिशन का ‘लोगो’ और ‘मोटो’ भी जारी किया। उन्होंने माकपा नीत एलडीएफ और कांग्रेस नीत यूडीएफ पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि दोनों गठबंधन की सरकारों ने केवल भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया, तुष्टिकरण की राजनीति की और केरल को पीएफआई जैसी ‘राष्ट्र-विरोधी ताकतों’ के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह बना दिया। केंद्र सरकार ने 2022 में पीएफआई और उसके सहयोगियों को गैरकानूनी घोषित कर दिया। शाह ने कहा कि केरल सरकार के पास पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने के सभी अधिकार हैं। उन्होंने सवाल किया कि केरल सरकार ने ऐसा क्यों नहीं किया? केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, ‘जब यह संगठन देश के विभिन्न हिस्सों में फैल गया, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही इस पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया और यह सुनिश्चित किया कि इसके शीर्ष नेताओं की गिरफ्तारी हो।’ शाह ने यहां पुथरीकंदम मैदान में आयोजित वार्ड स्तरीय नेतृत्व बैठक में पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों की एक विशाल सभा को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि भाजपा और माकपा दोनों ही कैडर-आधारित पार्टियां हैं, लेकिन उनके बीच एक बड़ा अंतर यह है कि उनकी पार्टी राज्य के विकास के लिए काम करती है, न कि अपने कैडर के लिए। शाह ने दावा किया, ‘जबकि माकपा के लिए राज्य के विकास से पहले कैडर का विकास सर्वोपरि है।’ उन्होंने कहा कि भाजपा ने असम और त्रिपुरा जैसे कई राज्यों में सरकारें बनाईं, जो विपक्षी दलों के गढ़ थे और इसी तरह उनकी पार्टी तमिलनाडु में भी सत्ता में आएगी। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाला राजग गठबंधन केरल में 2026 में होने वाला विधानसभा चुनाव राज्य में सरकार बनाने के इरादे से लड़ेगा। शाह ने इस वर्ष होने वाले स्थानीय निकाय चुनावों और अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी के अभियान की शुरुआत करने से पहले यहां भाजपा की प्रदेश कमेटी के नए कार्यालय ‘मरारजी भवन’ का उद्घाटन किया। केंद्रीय गृह मंत्री शुक्रवार देर रात केरल पहुंचे और भाजपा की प्रदेश इकाई के पूर्व अध्यक्ष दिवंगत केजी मरार की आवक्ष कांस्य प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। केजी मरार की आवक्ष प्रतिमा को नए भवन के केंद्रीय कक्ष में स्थापित किया गया है। नए भवन का दौरा करते समय शाह के साथ भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर और केरल इकाई के अन्य वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे।


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