मुवक्किल से 2.57 करोड़ की धोखाधड़ी, वकील की जमानत अर्जी खारिज

मुंबई की है यह घटना
मुवक्किल से 2.57 करोड़ की धोखाधड़ी, वकील की जमानत अर्जी खारिज
Published on

मुंबई : मुंबई की अदालत ने हाई कोर्ट के फर्जी आदेश उपलब्ध कराकर अपने मुवक्किल से 2.57 करोड़ रुपये की ठगी करने के आरोप में गिरफ्तार शहर के एक वकील को जमानत देने से इनकार करते हुए कहा कि उसका आचरण ‘अस्वाभाविक’ था। अदालत ने कहा कि अभियुक्त विनय खाटू के खिलाफ पहले से ही आईएएस अधिकारी बनकर लोगों को ठगने के 2 मामले दर्ज हैं और उसके पक्ष में कोई भी आदेश ‘समाज को गलत संदेश देगा।’ अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वी जी रघुवंशी ने 3 जून को उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी। विनय खाटू को पिछले वर्ष 19 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था और वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में है। अभियोजन पक्ष के अनुसार, शिकायतकर्ता उर्मिला तल्यारखान ने अपनी संपत्ति से जुड़े मामलों में विनय खाटू को वकील के रूप में नियुक्त किया था। उन्होंने आरोप लगाया कि विनय खाटू ने उन्हें मुंबई हाई कोर्ट के फर्जी आदेश दिखाकर 2.57 करोड़ रुपये की ठगी की। यह मामला तब सामने आया, जब उर्मिला तल्यारखान ने एक अन्य वकील से परामर्श किया, जिसने उन्हें बताया कि विनय खाटू द्वारा मुहैया कराए गए आदेश फर्जी हैं। इसके बाद, उन्होंने हाई कोर्ट की वेबसाइट पर अपने मामले के बारे में पता लगाने की कोशिश की, जिसमें यह स्पष्ट हुआ कि उनकी द्वितीय अपील पर कोई सुनवाई नहीं हुई थी। इसके बाद उन्होंने खाटू के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। बचाव पक्ष ने दलील दी कि मामले में आरोप पत्र दाखिल हो चुका है और खाटू से अब और कुछ जब्त करने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने यह भी दावा किया कि उर्मिला तल्यारखान एक ‘मुकदमेबाज’ हैं और पहले भी अपने वकीलों के खिलाफ शिकायत करती रही हैं। हालांकि, अदालत ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि विनय खाटू का आचरण बेहद ‘अस्वाभाविक:’ था और अभियुक्त के खिलाफ पूर्व में भी गंभीर मामले दर्ज किये गए थे। अदालत ने कहा, ‘लोग वकीलों की सेवाएं इसलिए लेते हैं, क्योंकि वे अदालत की प्रक्रिया और कानून की प्रकृति को नहीं समझते।’

संबंधित समाचार

No stories found.

कोलकाता सिटी

No stories found.

खेल

No stories found.
logo
Sanmarg Hindi daily
sanmarg.in