उत्तरकाशी: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में मजदूरों को फंसे हुए आज 13 दिन हो गए हैं। जिले की सिलक्यारा सुरंग में ऑपरेशन आखिरी चरण में है। कई दिनों से सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों का मानिसक तनाव भी बढ़ रहा है। बचाव अभियान के आखिरी चरण में मनोवैज्ञानिक चिकित्सकों के सुझाव पर इन मजदूरों तक लूडो और ताश के पत्ते भेजने की योजना बनाई है, ताकि अंदर खेल कर मजदूर अपना मानसिक तनाव कम कर सकें। इससे उन्हें मानसिक मजबूती मिलेगी। आज देर शाम तक उन्हें निकाला जा सकता है। सभी मजदूरों को निकालने के लिए एनडीआरएफ ने पहले से ही तैयारी पूरी कर ली है।
ड्रिलिंग में बाधा बनी बड़ी वजह
रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारियों ने बताया है कि अंदर फंसे लोगों को निकालने के अभियान में कई बाधाएं आ रही हैं। गुरुवार (23 नवंबर) देर रात सुरंग के मलबे के बीच से पाइप डालने के काम को रोकना पड़ा क्योंकि जिस प्लेटफॉर्म पर ड्रिलिंग मशीन टिकी हुई है उसमें दरारें दिखने के बाद ड्रिलिंग रोक दी गई थी। ड्रिलिंग का काम शुक्रवार (24 नवंबर) सुबह भी शुरू नहीं हो सका।
सुरंग में ‘चोर पुलिस’ खेलते हैं मजदूर
बचाव स्थल पर मौजूद मनोचिकित्सक डॉ. रोहित गोंडवाल ने कहा है, ‘‘अंदर फंसे हुए सभी 41 मजदूर स्वस्थ हैं। उन्होंने आगे कहा कि सुरंग के अंदर खुद को मानसिक तौर पर मजबूत रखने के लिए मजदूर कई खेल रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मजदूरों ने हमें बताया कि वे ‘चोर-पुलिस’ खेलते हैं, तनाव दूर करने के लिए रोजाना योग और व्यायाम करते हैं।’’ डॉक्टरों की एक टीम प्रतिदिन इन मजदूरों से बात करती है और उनके स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति के बारे में जानकारी लेती है। अधिकारियों ने कहा कि करीब दर्जनभर चिकित्सकों की टीम टनल के सदस्य फंसे हुए मजदूरों से नियमित रूप से सुबह और शाम कम से कम 30-30 मिनट इसी तरह से बातें करती है।