

मोन : कोन्याक संघ ने असम में राजमार्गों पर मोन जिले के यात्रियों, खासकर असम पुलिस कर्मियों द्वारा, के साथ बार-बार हो रहे उत्पीड़न और अनुचित जांच पर गंभीर चिंता व्यक्त की है।
नागालैंड सरकार के मुख्य सचिव को दिए एक औपचारिक ज्ञापन में कोन्याक संघ ने इस बात पर प्रकाश डाला कि निर्दोष यात्रियों- जिनमें छात्र, चिकित्सा रोगी और व्यवसायी शामिल हैं, से गैर जरूरी पूछताछ, बेवजह तलाशी और धमकी भरे कृत्य किए जा रहे हैं। कोन्याक संघ के अनुसार, इस तरह की कार्रवाइयों से मोन जिले के लोगों को भारी असुविधा और मानसिक कष्ट हो रहा है, जो स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और व्यापार जैसी आवश्यक सेवाओं के लिए इन मार्गों पर बहुत अधिक निर्भर हैं। इस मामले को नागरिकों के मौलिक अधिकारों और अंतरराज्यीय सद्भाव का उल्लंघन बताते हुए कोन्याक संघ ने नागालैंड सरकार से उच्चतम स्तर पर हस्तक्षेप करने और असम में संबंधित अधिकारियों के साथ बातचीत कर ऐसी कार्रवाइयों पर तत्काल रोक लगाने की अपील की है। कोन्याक संघ ने भविष्य में इसी तरह की कठिनाइयों का सामना करने वाले मोन जाने वाले यात्रियों की सहायता के लिए एक 24x7 शिकायत निवारण हेल्पलाइन स्थापित करने का भी प्रस्ताव रखा। यह विश्वास व्यक्त करते हुए कि सरकार इस मामले को पूरी गंभीरता से लेगी। कोन्याक संघ ने अपने लोगों के अधिकारों और कल्याण की रक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।