

नई दिल्ली/हिसार : हिसार पुलिस ने पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में हिरासत में ली गयी ज्योति के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से 12 टेराबाइट (टीबी) डेटा बरामद किया है, जिसमें पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) से जुड़े चार एजेंटों के साथ उनकी बातचीत के सुबूत शामिल हैं।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि ज्योति मल्होत्रा (33) को पूरी जानकारी थी कि वह जिन पाकिस्तानी अधिकारियों से संपर्क में थीं, वे आईएसआई के लिए काम करते हैं। इसके बावजूद वह उनसे लगातार संपर्क में रही और उसे किसी प्रकार का डर नहीं था। रिपोर्ट के अनुसार पुलिस जांच में सामने आया है कि ज्योति की चार पाकिस्तानी खुफिया एजेंटों से एक-एक करके बातचीत हुई थी। इनमें एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश, अली हसन, शाकिर और राणा शहबाज जैसे नाम शामिल हैं। दानिश से उसकी मुलाकात दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग में हुई थी। अब जांच एजेंसियां इन एजेंटों की पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों में भूमिका और रैंक की पुष्टि कर रही हैं।
12 टेराबाइट डेटा की रिकवरी
पुलिस ने ज्योति के तीन मोबाइल फोन, एक लैपटॉप और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किये हैं, जिन्हें फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। इन उपकरणों से बरामद 12 टेराबाइट डेटा में वॉट्सएप, स्नैपचैट और टेलीग्राम जैसे एन्क्रिप्टेड प्लेटफॉर्म्स पर की गयी बातचीत शामिल है। जांच में पता चला है कि ज्योति ने इन प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल करके कोडवर्ड्स में संदेश भेजे ताकि उनकी गतिविधियां भारतीय अधिकारियों से छिपी रहें। ज्योति मल्होत्रा के फोन और लैपटॉप जब्त करने के बाद पुलिस को कई डिलीट किये गये संदेशों और फाइलों को रिकवर करने में सफलता मिली है। बरामद डेटा के विश्लेषण से यह स्पष्ट हुआ कि ज्योति को पता था कि वह आईएसआई अधिकारियों से बात कर रही है लेकिन उसने इस बातचीत को जारी रखा।
गंभीर धाराओं के तहत केस
ज्योति के खिलाफ ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट और भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की उस धारा के तहत केस दर्ज किया गया है, जो भारत की एकता, संप्रभुता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कृत्यों पर सजा का प्रावधान करती है। पुलिस का कहना है कि बरामद डेटा के आधार पर ज्योति पर और भी धाराएं लग सकती हैं।