

नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और संचार विभाग के प्रभारी महासचिव जयराम रमेश ने व्हाइट हाउस द्वारा जारी अमेरिकी 2025 राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति (NSS) पर एक तीखा ट्वीट किया है। 33 पेज के इस दस्तावेज में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान के बीच 'उत्तेजित संघर्ष' को सुलझाने का अपना पुराना दावा दोहराया है। रमेश ने इसे भारत की कूटनीति के लिए झटका बताते हुए शायराना अंदाज में कहा, "क्या से क्या हो गया, बेवफ़ा तेरी दोस्ती में।"
ट्रंप का विवादित दावा दोहराया
रमेश के ट्वीट के अनुसार, दस्तावेज के परिचय में ट्रंप ने स्पष्ट रूप से दावा किया है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच छिड़े तनाव को शांत किया। यह दावा पेज 8 पर भी दोहराया गया है। कांग्रेस नेता ने तीन तस्वीरें साझा कीं, जिनमें एनएसएस के प्रासंगिक अंश दिखाए गए हैं। उन्होंने इशारा किया कि यह दावा भारत की आधिकारिक स्थिति के विपरीत है, जहां सरकार ने हमेशा तीसरे पक्ष की मध्यस्थता से इनकार किया है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान मई 2025 में हुए सीमा तनाव को अमेरिकी हस्तक्षेप से रोकने का ट्रंप का यह दावा पहले भी कई बार विवाद का कारण बना है।
पाकिस्तान नीति में उल्लेखनीय बदलाव
ट्वीट में रमेश ने अमेरिकी पाकिस्तान नीति में आए बदलाव पर भी रोशनी डाली। 2017 के ट्रंप-कालीन एनएसएस में पाकिस्तान पर कटु आलोचना की गई थी, जिसमें उसे आतंकवादियों का समर्थन करने, अमेरिकी साझेदारों पर हमलों को बढ़ावा देने और परमाणु हथियारों के जिम्मेदार प्रबंधन की मांग का आरोप लगाया गया था। लेकिन 2025 के दस्तावेज में ऐसी कोई टिप्पणियां गायब हैं। रमेश ने इसे पाकिस्तान के प्रति नरमी का संकेत बताया, जो भारत के लिए चिंता का विषय है।
कांग्रेस का सवाल: मोदी सरकार की चुप्पी क्यों?
कांग्रेस नेता ने अप्रत्यक्ष रूप से मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने पूछा कि क्या विदेश मंत्रालय इस दावे पर आपत्ति दर्ज कराएगा? रमेश ने कहा कि ट्रंप का यह दावा भारत की संप्रभुता पर सवाल उठाता है। विपक्ष ने इसे मोदी-ट्रंप 'हग्लोमेसी' (गले मिली कूटनीति) के ठंडे पड़ने का प्रमाण बताया।
कांग्रेस ने इसे केंद्रीय सरकार की विदेश नीति पर 'ट्रिपल झटका' करार दिया। भाजपा ने अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी। विशेषज्ञों का मानना है कि एनएसएस भारत को महत्वपूर्ण साझेदार बताता है, लेकिन पाकिस्तान पर नरमी से क्षेत्रीय संतुलन प्रभावित हो सकता है। जयराम का शायराना तंज एक बार फिर विपक्ष की आक्रामक रणनीति को उजागर करता है।