इसरो ने गगनयान के पहले मानवरहित मिशन के लिए ‘क्रू मॉडूल’ भेजा

पहले मानवरहित मिशन के लिए इसरो ने भेजा गगनयान का क्रू मॉडूल
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अंतरिक्ष में मानव भेजने की क्षमता हासिल करने की दिशा में इसरो का पहला प्रयास
बेंगलुरू : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के द्रव प्रणोदन प्रणाली केंद्र (एलपीएससी) ने द्रव प्रणोदन प्रणाली के एकीकरण को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद गगनयान के पहले मानवरहित मिशन के लिए ‘क्रू मॉडूल’ को अंतरिक्ष की कक्षा के लिए रवाना किया है। गगनयान अंतरिक्ष में मानव मिशन भेजने की क्षमता हासिल करने की दिशा में इसरो का पहला प्रयास है।

पूर्ण स्वायत्त अंतरिक्ष यान है ‘क्रू मॉडूल’
इसरो ने बुधवार को बताया कि ‘क्रू मॉडूल’ एक पूर्ण स्वायत्त अंतरिक्ष यान है, जिसे तीन सदस्यीय चालक दल को अंतरिक्ष की कक्षा में ले जाने और मिशन अवधि पूरी होने के बाद धरती पर सुरक्षित रूप से वापस लाने के लिए डिजाइन किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि बेंगलुरू स्थित एलपीएससी ने ‘क्रू मॉडूल’ को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किया। इसरो गगनयान परियोजना के तहत मानवयुक्त चालक दल को रवाना करने से पहले अंतरिक्ष में एक मानवरहित मिशन भेजने की योजना बना रहा है। इसरो के अनुसार ‘क्रू मॉडूल’ प्रणोदन प्रणाली (सीएमपीएस) एक द्वि-प्रणोदक आधारित प्रतिक्रिया नियंत्रण प्रणाली (आरसीएस) है, जिसे ‘क्रू मॉडूल’ को सटीक 3-अक्ष नियंत्रण (पिच, यॉ और रोल) प्रदान करने के लिए तैयार किया गया है।

वीएसएससी ने डिजाइन किया है ‘क्रू मॉडूल’
अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि इस प्रणाली में बारह 100एन थ्रस्टर, उच्च दबाव वाली गैस बोतलों के साथ दबाव प्रणाली और संबंधित द्रव नियंत्रण घटकों के साथ प्रणोदक प्रवाह प्रणाली शामिल है। अधिकारियों के अनुसार 100एन थ्रस्टर रॉकेट मोटर हैं, जिनका इस्तेमाल अंतरिक्ष यान में प्रणोदन के लिए किया जाता है। एलपीएससी ने विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) द्वारा डिजाइन किये गये ‘क्रू मॉडूल’ अपराइटिंग सिस्टम (सीएमयूएस) को भी मॉडूल में एकीकृत किया है। इसरो के अनुसार ‘क्रू मॉडूल’ को कक्षीय मॉड्यूल के एकीकरण के अंतिम चरण के लिए बेंगलुरू स्थित यूआर राव उपग्रह केंद्र भेजे जाने से पहले विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र में एवियोनिक्स और विद्युत दोहन प्रणालियों की असेंबली एवं परीक्षण सहित अन्य एकीकरण प्रक्रियाओं से गुजरना होगा।

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