बेंगलुरु: सूर्य की किरणों की पड़ताल में लगा भारत का मिशन आदित्य-एल1 से जुड़ी बड़ी ख़बर सामने आई है। दरअसल, उपग्रह में लगे पेलोड ‘आदित्य सोलर विंड पार्टिकल एक्सपेरिमेंट’ ने काम करना शुरू कर दिया है और यह सामान्य रूप से काम कर रहा है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शनिवार (2 दिसंबर 2023) को इसके बारे में जानकारी दी। बता दें कि आदित्य-एल1 अंतरिक्ष यान का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण 2 सितंबर को किया गया था।
इसरो के अनुसार, आदित्य-एल1 सूर्य का अध्ययन करने वाली पहली अंतरिक्ष-आधारित वेधशाला है। यह पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर स्थित लैग्रेंजियन बिंदु ‘एल1’ के आसपास एक प्रभामंडल से सूर्य का अध्ययन कर रही है।
Aditya-L1 Mission:
The Solar Wind Ion Spectrometer (SWIS), the second instrument in the Aditya Solar wind Particle Experiment (ASPEX) payload is operational.
The histogram illustrates the energy variations in proton and alpha particle counts captured by SWIS over 2-days.… pic.twitter.com/I5BRBgeYY5
— ISRO (@isro) December 2, 2023
ISRO ने दी ये जानकारी
इसरो ने बयान जारी कर कहा कि आदित्य सोलर विंड पार्टिकल एक्सपेरिमेंट (एएसपीईएक्स) में दो अत्याधुनिक उपकरण सोलर विंड आयन स्पेक्ट्रोमीटर (एसडब्ल्यूआईएस) और सुप्राथर्मल एंड एनर्जेटिक पार्टिकल स्पेक्ट्रोमीटर (एसटीईपीएस) शामिल हैं। एसटीईपीएस उपकरण 10 सितंबर, 2023 को शुरू किया गया था। एसडब्ल्यूआईएस उपकरण दो नवंबर, 2023 को सक्रिय हुआ था और इसने बेहतरीन प्रदर्शन किया है। इसरो के अनुसार उपकरण ने सौर पवन आयन, मुख्य रूप से प्रोटॉन और अल्फा कणों को सफलतापूर्वक मापा है।
2 सितंबर को हुआ था आदित्य L1 मिशन लॉन्च
आदित्य एल1 मिशन को 2 सितंबर को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया था। मिशन के प्रमुख उद्देश्यों में सूर्य की बाहरी लेयर का अध्यन करना था साथ ही इसके तापमान, वायुमंडल में इसका बेहेवियर आदि पर रिसर्च के लायक जानकारी इकट्ठा करने का था। भारत इन दिनों अपने अंतरिक्ष मिशन को काफी तेजी के साथ आगे बढ़ाने में लगा हुआ है।