

यरुशलम : इजराइल की सेना ने सोमवार सुबह गाजा में मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए जा रहे एक जहाज को रोक दिया और उसमें सवार प्रोपगैंडा फैलाने में आगे रहने वाली ग्रेटा थनबर्ग तथा अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया। ‘फ्रीडम फ्लोटिला कोलिशन’ नामक संगठन ने गाजा पट्टी में मानवीय सहायता पहुंचाने और इजराइल की नाकाबंदी तथा युद्ध के दौरान उसके आचरण का विरोध करने और फलस्तीनियों तक राहत सामग्री पहुंचाने के लिए इस यात्रा का आयोजन किया था। संगठन ने आरोप लगाया कि सामाजिक कार्यकर्ताओं का ‘इजराइली सेना ने अपहरण कर लिया है’ और उसने उनके पहले से रिकॉर्ड किए गए संदेश जारी किए।
संगठन ने एक बयान में कहा, ‘जहाज पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया गया। जहाज के निहत्थे असैन्य चालक दल के सदस्यों का अपहरण कर लिया गया और इस पर मौजूद जीवन रक्षक राहत सामग्री जैसे कि शिशु फॉर्मूला, भोजन और चिकित्सा आपूर्ति को जब्त कर लिया गया।’
इजराइल के विदेश मंत्रालय ने यात्रा को ‘जनसंपर्क का हथकंडा’ बताया और सोशल मीडिया मंच पर कहा, ‘सेलिब्रिटी लोगों का ‘सेल्फी जहाज’ सुरक्षित रूप से इजराइल के तट पर पहुंच रहा है। यात्री अपने देश लौट जाएंगे और सहायता स्थापित माध्यमों के जरिए गाजा पहुंचाई जाएगी।’
बाद में मंत्रालय ने फुटेज प्रसारित किया जिसमें इजराइली सैन्यकर्मी नारंगी रंग की लाइफ जैकेट पहने सामाजिक कार्यकर्ताओं को सैंडविच और पानी देते नजर आ रहे हैं। थनबर्ग ‘फ्रीडम फ्लोटिला कोलिशन’ के ‘मैडलीन’ नामक जहाज पर सवार 12 सामाजिक कार्यकर्ताओं में से एक थीं, जो एक सप्ताह पहले सिसिली से रवाना हुए थे। रास्ते में जहाज गुरुवार को चार प्रवासियों को बचाने के लिए रुका था, जो लीबिया के तट रक्षक द्वारा हिरासत में लिए जाने से बचने के लिए जहाज से कूद गए थे।
मैडलीन पर सवार लोगों में जलवायु कार्यकर्ता थनबर्ग और फलस्तीनी मूल की रीमा हसन (यूरोपीय संसद की फ्रांसीसी सदस्य) भी शामिल हैं।