

सन्मार्ग डेस्क : सिविल एविएशन मिनिस्ट्री ने एक निर्देश जारी किया है, जिसके तहत कमर्शियल कैरियर इंडिगो को रविवार (7 दिसंबर, 2025) रात 8:00 बजे तक सभी कैंसल या रुकी हुई फ्लाइट्स के लिए रिफंड प्रोसेस पूरी तरह से पूरा करना होगा। यह कदम पिछले कुछ दिनों में देश भर में फ्लाइट्स में बड़े पैमाने पर रुकावटों के बाद उठाया गया है, जिससे पैसेंजर्स पर असर पड़ा है। दूसरी एयरलाइंस को भी बढ़े हुए हवाई किराए के बारे में चेतावनी दी गई है।
इंडिगो, भारत की सबसे बड़ी कैरियर, एक संकट के बीच में रही है, जिसमें बड़े पैमाने पर कैंसलेशन और देरी हुई है, खासकर दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और बेंगलुरु जैसे बड़े एयरपोर्ट्स पर। ऑपरेशनल उथल-पुथल ने लोगों में काफी चिंता पैदा की है और रेगुलेटरी दखल देने के लिए मजबूर किया है।
अधिकारियों के मुताबिक, मिनिस्ट्री ने यह साफ कर दिया है कि रिफंड प्रोसेसिंग में इंडिगो की तरफ से कोई भी देरी या नियमों का पालन न करने पर तुरंत रेगुलेटरी कार्रवाई की जाएगी। एयरलाइंस को यह भी निर्देश दिया गया है कि वे उन पैसेंजर्स से कोई रीशेड्यूलिंग चार्ज न लें जिनके ट्रैवल प्लान कैंसलेशन से प्रभावित हुए हैं।
शिकायत का अच्छे से समाधान पक्का करने के लिए, इंडिगो को डेडिकेटेड पैसेंजर सपोर्ट और रिफंड फैसिलिटेशन सेल बनाने का निर्देश दिया गया है। इन सेल को प्रभावित यात्रियों से पहले से संपर्क करना चाहिए और बिना कई बार फ़ॉलो-अप किए रिफ़ंड और दूसरे इंतज़ाम करने चाहिए।
सरकार ने यह भी कहा है कि यात्रियों के लिए ऑटोमैटिक रिफ़ंड का सिस्टम तब तक चालू रहेगा जब तक एयरलाइन का रेगुलर ऑपरेशन पूरी तरह से ठीक नहीं हो जाता। इस कदम का मकसद सर्विस में रुकावट के लिए मुआवज़ा मांगने वाले यात्रियों पर बोझ कम करना है।
सरकार ने यात्रियों के लिए "ज़ीरो-इनकन्वीनियंस" पॉलिसी पर ज़ोर दिया है, जो इस समय के दौरान यात्रियों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए एयरलाइन, एयरपोर्ट, सुरक्षा एजेंसियों और दूसरे स्टेकहोल्डर्स के साथ मिलकर काम कर रही है।