नई दिल्ली: भारत ने अपनी नौसैनिक क्षमताओं को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। रक्षा मंत्रालय ने भारतीय नौसेना के MH-60R 'सीहॉक' (Seahawk) हेलीकॉप्टर बेड़े के व्यापक रखरखाव (सस्टेनमेंट) के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ ₹7,900 करोड़ का एक बड़ा समझौता किया है। फॉरेन मिलिट्री सेल्स (FMS) कार्यक्रम के तहत औपचारिक रूप दिए गए इस उच्च-मूल्य वाले सौदे का उद्देश्य नौसेना के सबसे उन्नत रोटरी-विंग प्लेटफॉर्म में से एक के लिए दीर्घकालिक समर्थन सुनिश्चित करना है।
सौदे का विवरण
इस समझौते के तहत, रक्षा मंत्रालय और अमेरिकी सरकार के बीच नई दिल्ली में लेटर्स ऑफ ऑफर एंड एक्सेप्टेंस (LOAs) पर हस्ताक्षर किए गए। यह सौदा दोनों देशों के बीच बढ़ती रणनीतिक रक्षा साझेदारी को रेखांकित करता है और भारत के अत्याधुनिक नौसैनिक संपत्तियों के आधुनिकीकरण और रखरखाव के इरादे को दर्शाता है।
सौदे में क्या शामिल है?
सस्टेनमेंट सपोर्ट पैकेज को MH-60R हेलीकॉप्टरों को हमेशा मिशन-रेडी और युद्ध-सक्षम बनाए रखने के लिए डिज़ाइन किया गया है। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि पैकेज में निम्नलिखित प्रावधान शामिल हैं:
कलपुर्जों की आपूर्ति: आवश्यक स्पेयर पार्ट्स का प्रावधान
उत्पाद और तकनीकी सहायता: तकनीकी सहायता और उत्पाद समर्थन
प्रशिक्षण: रखरखाव कर्मियों के लिए व्यापक प्रशिक्षण
मरम्मत और प्रतिस्थापन: घटक मरम्मत और कलपुर्जों की पुनःपूर्ति
स्वदेशी मरम्मत सुविधाएं: भारत में ही मध्यवर्ती-स्तर की मरम्मत (intermediate-level repair) और निरीक्षण सुविधाओं की स्थापना
ये सुविधाएं न केवल हेलीकॉप्टरों की परिचालन तत्परता में सुधार करेंगी, बल्कि विदेशी मरम्मत केंद्रों पर निर्भरता भी कम करेंगी, जिससे समय पर रखरखाव और कम परिचालन डाउनटाइम सुनिश्चित होगा
आत्मनिर्भर भारत पहल को बढ़ावा
यह समझौता सरकार की 'आत्मनिर्भर भारत' पहल के साथ मजबूती से जुड़ा हुआ है। MSMEs (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों) और घरेलू रक्षा फर्मों की भागीदारी को प्रोत्साहित करके, यह सौदा रखरखाव, मरम्मत और लॉजिस्टिक्स सेवाओं में स्थानीय क्षमता निर्माण को बढ़ावा देता है।रक्षा मंत्रालय ने इस बात पर जोर दिया कि यह पहल आत्मनिर्भर रक्षा के प्रति एक रणनीतिक बदलाव को दर्शाती है, जो न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि भारत के रक्षा औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र के विकास के लिए भी आवश्यक है।
MH-60R 'सीहॉक' हेलीकॉप्टर की क्षमताएं
MH-60R सीहॉक, जिसे "रोमियो" (Romeo) के नाम से भी जाना जाता है, लॉकहीड मार्टिन द्वारा विकसित एक बहु-भूमिका वाला नौसैनिक लड़ाकू हेलीकॉप्टर है। इसे विश्व स्तर पर सबसे उन्नत पनडुब्बी रोधी युद्ध (ASW) प्लेटफार्मों में से एक माना जाता है और यह अन्य कार्य भी कर सकता है, जैसे:
सतह रोधी युद्ध (Anti-surface warfare)
खोज और बचाव (Search and rescue - SAR)
निगरानी और टोही (Surveillance and reconnaissance)
नौसेना लॉजिस्टिक्स और संचार सहायता
भारत ने अपने समुद्री क्षेत्र की जागरूकता और नौसैनिक युद्ध संचालन को बढ़ाने के लिए शुरू में 2020 में 24 MH-60R हेलीकॉप्टरों के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इन हेलीकॉप्टरों ने विवादित जलक्षेत्रों में संचालन करने और गहरे समुद्र के मिशन संचालित करने की भारत की क्षमता को महत्वपूर्ण रूप से मजबूत किया है।
रणनीतिक और परिचालन प्रभाव
यह समर्थन समझौता एक महत्वपूर्ण समय पर आया है जब भारत बढ़ते भू-राजनीतिक चुनौतियों के बीच हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपनी समुद्री शक्ति बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। यह सुनिश्चित करता है कि MH-60R बेड़ा अपने जीवनचक्र के दौरान युद्ध-तैयार और अच्छी तरह से समर्थित रहे, जिससे भारत की प्रतिरोधक और प्रतिक्रिया क्षमताओं में वृद्धि होगी। इसके अतिरिक्त, यह सौदा भारत-अमेरिका रक्षा सहयोग को गहरा करने का प्रतीक है, जो सैन्य क्षेत्र में आपसी विश्वास और दीर्घकालिक सहयोग को सुदृढ़ करता है।