भारतीय राजदूत ने बताया कैसे भारत और अमेरिका के बीच हो सकता है व्यापार समझौता

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस साल फरवरी में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ द्विपक्षीय बैठक के लिए अमेरिका की यात्रा की थी।
भारतीय राजदूत ने बताया कैसे भारत और अमेरिका के बीच हो सकता है व्यापार समझौता
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नई दिल्ली: अमेरिका में भारत के राजदूत विनय मोहन क्वात्रा ने कहा कि भारत पारस्परिक रूप से लाभकारी और संतुलित व्यापार समझौता करने के लिए अमेरिका के साथ लगातार संपर्क में है। क्वात्रा ने यहां ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ एक विशेष साक्षात्कार में कहा, ‘‘ व्यापार एवं शुल्क के मुद्दे पर... हम जल्द से जल्द पारस्परिक रूप से लाभकारी और संतुलित व्यापार समझौता करने की उम्मीद में संयुक्त राज्य व्यापार प्रतिनिधि (यूएसआर) के साथ लगातार संपर्क में हैं।’’

प्रयास जारी

उन्होंने कहा, ‘‘ इस पूरे वर्ष हमारा यही निरंतर प्रयास रहा है। फरवरी की शुरुआत में प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान ही संबंधों की नींव रखी गई थी। हमने कई क्षेत्रों में एक अत्यंत महत्वपूर्ण और ठोस परिणाम पर सहमति व्यक्त की। अंतरिक्ष भी उनमें से एक है।’’ क्वात्रा ने बुधवार को भारत द्वारा अमेरिकी संचार उपग्रह के सफल प्रक्षेपण को भारत और अमेरिका के बीच साझेदारी के लिए एक “बहुत महत्वपूर्ण एवं बड़ा दिन” करार दिया।

गौरतलब है कि एक ऐतिहासिक मिशन के तहत भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के सबसे भारी प्रक्षेपण यान ‘एलवीएम-3 एम6’ ने एक अमेरिकी संचार उपग्रह को उसकी निर्धारित कक्षा में बुधवार को सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया जिसे अंतरिक्ष एजेंसी प्रमुख ने देश के लिए तोहफा करार दिया।

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‘ब्लूबर्ड ब्लॉक-2’ मिशन से उमीदें बढ़ी

प्रक्षेपण यान एलवीएम-3 एम6 ने 6,100 किलोग्राम वजनी ‘ब्लूबर्ड ब्लॉक-2’ उपग्रह को उसकी निर्धारित कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित किया। ‘ब्लूबर्ड ब्लॉक-2’ मिशन का उद्देश्य उपग्रह के जरिये सीधे मोबाइल संपर्क उपलब्ध कराना है। यह नेटवर्क कहीं भी, कभी भी, सभी के लिए 4जी और 5जी वॉयस-वीडियो कॉल, संदेश, स्ट्रीमिंग और डेटा सेवाएं उपलब्ध कराएगा। प्रक्षेपण यान एलवीएम-3 एम6 को अत्यधिक भार ले जाने की उसकी क्षमता के कारण ‘बाहुबली’ नाम भी दिया गया है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस साल फरवरी में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ द्विपक्षीय बैठक के लिए अमेरिका की यात्रा की थी। बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में, दोनों नेताओं ने 2025 को अमेरिका-भारत नागर अंतरिक्ष सहयोग के लिए एक ‘‘अग्रणी वर्ष’’ करार दिया था।

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