उत्तराखंड: 5 दिनों से टनल में फंसे 40 मजदूर, अमेरिकी मशीन आने के बाद जगी उम्मीद

**EDS: VIDEO GRAB** Uttarkashi: Security personnel outside the under-construction tunnel between Silkyara and Dandalgaon on the Brahmakhal-Yamunotri national highway, days after it collapsed trapping several workers inside, in Uttarkashi district, Thursday, Nov. 16, 2023. (PTI Photo)(PTI11_16_2023_000063B)
**EDS: VIDEO GRAB** Uttarkashi: Security personnel outside the under-construction tunnel between Silkyara and Dandalgaon on the Brahmakhal-Yamunotri national highway, days after it collapsed trapping several workers inside, in Uttarkashi district, Thursday, Nov. 16, 2023. (PTI Photo)(PTI11_16_2023_000063B)
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उत्तरकाशी: उत्तराखंड में हुए टनल हादसे में फंसे मजदूरों को निकालने का काम जारी है। बीते 5 दिनों से उत्तरकाशी में 40 श्रमिक टनल में फंसे हुए हैं। समय बढ़ने के साथ मजदूरों के परिजनों की परेशानी बढ़ती जा रही हैं। शासन और प्रशासन की तरफ से लोगों को निकालने की कोशिश में है, लेकिन हर तरफ से असफलता हाथ लग रही है। लेकिन फिर भी न सरकार, न प्रशासन और न ही बचाव दल हार मान रहे हैं। अब इन फंसे मजूदरों को निकालने के लिए अमेरिका से खास ऑगर मशीन मंगाई गई है। जल्द से जल्द मजदूरों को निकालने के लिए अमेरिका से मंगाई गई ऑगर मशीन को सुरंग में पहुंचाया गया है। ऑगर मशीन से ह्यूम पाइप बिछाने का काम होगा, जिसके बाद ये उम्मीद है कि देर शाम तक मजदूरों को निकाला जा सकता है।

मशीन हर घंटे 5 टन मलबा निकाल सकती है

अमेरिकी से मंगाई गई ऑगर मशीन काफी खास है। इसकी क्षमता जबरदस्त है। 25 टन वजन वाली यह मशीन हर घंटे 5 टन मलबा निकाल सकती है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा रहा है कि यह मशीन 10 घंटे में 50 मीटर खुदाई कर लेगी। इसके विदेशी विशेषज्ञों की भी मदद ली जा रही है। बता दें कि ऑगर एक भारी ड्रिलिंग मशीन है, जिसे तीन भारतीय वायु सेना विमानों ने दिल्ली से एयरलिफ्ट किया था। इस मशीन को पहले चिन्यालिसौर हवाई अड्डे पर उतारा गया था और बाद में रोड के जरिए हादसे वाले जगह पर लाया गया। अब नई बनाई गई बचाव योजना में ढह गई सुरंग के हिस्से के मलबे को हटाने के लिए इस मशीन का उपयोग किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री धामी का बयान

वहीं, हादसे और बचाव कार्य को लेकर उत्तराखंड के सीएम पुष्कर धामी का कहना है कि मजदूरों को निकालने की कोशिश जारी है। पहली प्राथमिकता मजदूरों को बचाने की है। मजदूरों से संपर्क किया गया है। इस घटना की पीएम मोदी भी लगातार समीक्षा कर रहे हैं।

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